
सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई जारी है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुन रही है। अदालत ने संभवत: आज ही वक्फ बोर्ड पर अंतरिम आदेश भी जारी कर सकती है। इस मामले में दोनों पक्षों को 2-2 घंटे का समय देकर बहस कराई जा रही है।
सीजेआई बी.आर. गवई ने इस दौरान अहम टिप्पणी करते हुए कहा, “संसद द्वारा पारित कानून की संवैधानिकता होती है। ऐसे में जब तक कोई ठोस मामला सामने नहीं आता, अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।” उनका यह बयान इस बात पर प्रकाश डालता है कि अदालत तब तक किसी भी कानून में हस्तक्षेप नहीं करेगी जब तक उसकी संवैधनी वैधता पर सवाल न उठे।
वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अपने तर्क में कहा कि वक्फ अल्लाह को दिया गया दान है, और एक बार वक्फ को दी गई संपत्ति हमेशा के लिए वक्फ की होती है, जिसे किसी अन्य को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है।
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