
Vrindavan Trip : अगर आप भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का अनुभव करना चाहते हैं, तो उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित वृंदावन की यात्रा करना अनिवार्य है। यह पवित्र नगरी सिर्फ एक तीर्थस्थल नहीं है, बल्कि यहां की हर गली, हर मंदिर और हर कोना राधा-कृष्ण की प्रेमलीला की कहानी बयां करता है। “राधे-राधे” की गूंज हर जगह सुनाई देती है और भक्तों के जीवन में यह यात्रा आत्मिक शांति का अहसास कराती है।
बांके बिहारी मंदिर

वृंदावन का सबसे प्रसिद्ध मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, भगवान कृष्ण के नटखट और करुणामयी स्वरूप के लिए जाना जाता है। यहां मूर्ति के दर्शन कुछ-क्षणों के लिए ही होते हैं, और भक्त भगवान की आंखों में खो जाने का अनुभव करते हैं।
वृंदावन कैसे पहुंचें?

- रेल मार्ग: दिल्ली से मथुरा जंक्शन तक ट्रेन, वहां से वृंदावन केवल 12 किमी दूर है।
- सड़क मार्ग: दिल्ली, आगरा, जयपुर और लखनऊ से बस या टैक्सी उपलब्ध हैं।
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा आगरा है, जो 80 किमी दूर स्थित है।
प्रमुख दर्शनीय स्थल
- प्रेम मंदिर: कृष्ण की बाल लीलाओं की झांकियां और भव्य आरती का अनुभव।
- इस्कॉन मंदिर: हरिनाम संकीर्तन और भजन कार्यक्रम, राधा-कृष्ण की प्रतिमाओं के दर्शन।
- राधा रमण मंदिर: भक्तों की भीड़ और सुंदर वास्तुकला, भगवान के दिव्य स्वरूप का अनुभव।
- सेवाकुंज और निधिवन: रासलीला की पवित्र भूमि, जहां कृष्ण राधा और गोपियों संग रास करते थे।
यात्रा का श्रेष्ठ समय
अक्टूबर से मार्च तक का समय वृंदावन यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त है। खासकर फाल्गुन माह में होने वाला रंगोत्सव और जन्माष्टमी, भक्ति और उत्सव का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं। नवंबर-दिसंबर में यात्रा करना आसान और सुविधाजनक होता है।
स्वाद और ठहराव
वृंदावन की गलियों में माखन-मिश्री, पेड़ा, कचौड़ी-जलेबी और लस्सी का स्वाद अवश्य लें। ठहरने के लिए इस्कॉन गेस्ट हाउस, बांके बिहारी धर्मशाला और गोवर्धन इको विलेज जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो साधु-संतों के आश्रम से लेकर लग्जरी होटल तक हर प्रकार की सुविधा प्रदान करती हैं।
वृंदावन यात्रा केवल दर्शन का अनुभव नहीं, बल्कि भक्ति, संस्कृति और आत्मिक शांति का अनोखा संगम है।















