पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची विवाद गरमाया

पश्चिम बंगाल। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को नॉर्थ 24 परगना जिले के बनगांव के चांदपारा से ठाकुरनगर तक तीन किमी लंबा मार्च निकाला। यह मार्च राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में आयोजित किया गया था। ममता बनर्जी खुद इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रही थीं। मार्च में शामिल लोगों ने नीले और सफेद गुब्बारे पकड़े हुए थे, तृणमूल कांग्रेस के झंडे लहराए और एसआईआर के खिलाफ नारे लगाए। यह मार्च ठाकुरनगर के ढाकुरिया स्कूल में समाप्त हुआ।

तृणमूल कांग्रेस के नेता ने बताया कि यह जुलूस भारत-बांग्लादेश सीमा के पास बनगांव शहर में मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित रैली के बाद निकाला गया। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा मतदाता सूची की शुद्धता के लिए एसआईआर का आयोजन किया गया है।

विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों का आरोप है कि एसआईआर की प्रक्रिया में गंभीर विसंगतियां हैं। उनका कहना है कि इसका उद्देश्य कुछ लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाना है, जिससे चुनाव में लाभ मिल सके। कुछ एसआईआर से जुड़े लोगों की मौत की खबरें भी आई हैं, जिनकी स्वतंत्र जांच की मांग की जा रही है।

निर्वाचन आयोग ने 27 अक्टूबर को देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची की शुद्धि का अभ्यास शुरू किया था। इसे एसआईआर का दूसरा चरण कहा गया है, पहला चरण बिहार में आयोजित हुआ था। फेज-दो 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी। इसमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें