
राजस्थान की राजनीति में एक नया और चर्चित नाम विराज जन पार्टी (वीजेपी) ने आगामी चुनावों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। पार्टी के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत सैनी ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान घोषणा की कि विराज जन पार्टी वर्ष 2028 में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनावों में राज्य की सभी 200 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इसके साथ ही पार्टी वर्ष 2029 में होने वाले लोकसभा चुनावों में पूरे देश में 500 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
प्रशांत सैनी ने इस मौके पर कहा कि पार्टी वर्तमान में बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने में जुटी हुई है। कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर सक्रिय किया जा रहा है ताकि आम जनता की समस्याओं को सीधे समझा जा सके और उनका समाधान पार्टी के एजेंडे में शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी अपने इस लक्ष्य में सफल होती है, तो संभवतः यह भारत की पहली ऐसी पार्टी होगी जो अपने शुरुआती चुनावों में ही इतनी बड़ी संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
प्रशांत सैनी का राजनीतिक सफर संघर्ष और आत्मनिर्भरता का उदाहरण रहा है। उन्होंने वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा था, जहां से उन्हें राजनीति की वास्तविक समझ मिली। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2022 में अपनी अलग राजनीतिक पहचान बनाते हुए विराज जन पार्टी की स्थापना की। शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रशांत सैनी का रिकॉर्ड प्रभावशाली रहा है। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है और साथ ही एम.बी.ए. सहित कुल सात डिग्रियां प्राप्त की हैं। वर्ष 2023 में उन्होंने सक्रिय रूप से संगठित राजनीति में प्रवेश किया।

विराज जन पार्टी की विचारधारा को लेकर प्रशांत सैनी ने साफ कहा कि पार्टी विकास, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय को केंद्र में रखकर राजनीति करेगी। पार्टी किसी भी प्रकार की धार्मिक या जातिगत राजनीति में विश्वास नहीं करती। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि पार्टी को कई अन्य राजनीतिक दलों से गठबंधन के लिए निमंत्रण मिले हैं। इनमें अर्जुन भारत नेशनल पार्टी, स्टेट्समैन इंडिया पार्टी (इंटेलेक्चुअल) और हिंदुस्तान लिबरल फ्रंट (पैसिफिक) जैसे दल शामिल हैं।
हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विराज जन पार्टी केवल उन्हीं दलों के साथ गठबंधन करेगी जिनकी राजनीति जनहित और विकास पर आधारित हो। धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले किसी भी दल से पार्टी गठबंधन नहीं करेगी। उनके अनुसार, देश को आगे बढ़ाने के लिए साफ, ईमानदार और मुद्दों पर आधारित राजनीति की आवश्यकता है।

कुल मिलाकर, विराज जन पार्टी का यह ऐलान आने वाले वर्षों में राजस्थान और देश की राजनीति में नए समीकरण बनाने की क्षमता रखता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस नए राजनीतिक विकल्प को किस रूप में स्वीकार करती है और पार्टी अपने बड़े चुनावी लक्ष्यों को किस हद तक साकार कर पाती है।














