
अंकारा । तुर्की में इनदिनों सबकुछ ठीक नहीं है। राष्ट्रपति रेसेप तैयिप एर्दोगन के खिलाफ देश में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। राष्ट्रपति द्वारा इस्तांबुलए के मेयर इमामोग्लू को गिरफ्तार करने का आदेश देने के बाद हालात बेकाबू होते दिख रहे हैं। इसके बाद तुर्की के खलीफा यानी एर्दोगन को भी अपनी कुर्सी जाने का डर सताने लगा है। तुर्की के कई शहरों में प्रदर्शन हिंसक हो गए। इमामोग्लू को राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एर्दोगन का प्रतिद्वंदी बताया जा रहा है।
लोगों ने इस्तांबुल के मेयर के समर्थन में सड़कों पर रैली निकाली। राजधानी इस्तांबुल में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेलने के लिए मिर्च स्प्रे, आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने शहर के ऐतिहासिक वाटर-ब्रिज के सामने बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की। हजारों लोगों ने कई अन्य शहरों में एर्दोगन सरकार से इस्तीफे की मांग करते हुए मार्च निकाला। रिपोर्ट में तुर्की के गृह मंत्री अली येरलिकाया के हवाले से बताया गया कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान देशभर में करीब 97 लोगों को हिरासत में लिया गया। मेयर इमामोग्लू को उनके निवास पर छापेमारी के दौरान भ्रष्टाचार और आतंकवाद से जुड़े आरोपों के कारण गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद विपक्षी पार्टी के कई अन्य नेताओं को भी हिरासत में लिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को मुख्य विपक्षी दल रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) द्वारा प्राथमिक चुनाव आयोजित होना था। इससे पहले ही विपक्षी नेता को उठाया गया। रिपोर्ट में अनादोलु के अनुसार, बुधवार को मेयर इमामोग्लू से जुड़े करीब 100 अन्य लोगों को भी हिरासत में लेने के आदेश जारी किए गए। इसमें उनके प्रेस सलाहकार मूरत ओंगुन भी शामिल हैं।
विपक्षी पार्टी ने राष्ट्रपति एर्दोगन पर तनाशाही का आरोप लगाया है। इमामोग्लू ने अरेस्ट से पहले एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि मुझे यह कहते हुए दुःख हो रहा है कि मुट्ठी भर लोग जनता की इच्छा को चुराने की कोशिश कर रहे हैं।