विकासनगर: उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते ओहरा के प्रतिनिधि

विकासनगर।‌ शक्तिनहर में उत्तराखंड जल विद्युत निगम द्वारा एक साल बीतने से पहले ही दोबारा क्लोजर लिए जाने का मामला गर्मा गया है। ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स एंड एनवायरनमेंट के प्रतिनिधिमंडल ने विकासनगर तहसील में उपजिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री धामी को ज्ञापन भेजकर मामले में सीबीआई जांच की मांग की।

ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स एंड एनवायरमेंट (ओहरे ) से जुड़े पदाधिकारीयों ने प्रेषित किए ज्ञापन में कहा कि मुख्यमंत्री को पूर्व में भी मीडिया सोशल मीडिया एवं ऑनलाइन शिकायत करके ज्ञापन भेजकर अवगत कराया गया था कि यूजीवीएनएल द्वारा क्लोजर लेकर डाकपत्थर से कुल्हाल तक की शक्तिनहर में रिपेयरिंग एवं सफाई का कार्य कराया गया था, जो गत वर्ष 2023 में संपन्न हुआ था। यह राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है, जिसमें क्लोजर में किए गए कार्य के नाम पर घटिया गुणवत्ता का कार्य कराया गया। अधिक संख्या स्थान पर तो मात्र लीपापोती ही की गई, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका है।

ज्ञापन में आगे कहा गया कि स्थिति यह थी कि शक्तिनहर के बेड में क्लोजर के 30 दिन बीत जाने के बाद भी पानी मौजूद था। अधिकतर स्थान पर नया बेड नहीं डाला गया है, जबकि पुराना बेड बुरी तरह टूटी-फूटी हालत में था। उसमें गाद व मलबा भरा हुआ था। नहर में जहां पर बेड डाला भी गया, वह भी बिना पानी सुखाए और बिना कच्ची रोड़ी बिछाए सीधे मिट्टी और आईबीएम पर मिट्टीयुक्त पानी में ही सीमेंट युक्त कंक्रीट से डाल दिया गया।

साइड वॉल की स्थिति भी क्लोजर संपन्न होने के बाद बहुत खराब थी। इसमें भी अधिक संख्या स्थान पर दरारें और गड्ढे छोड़ दिए गए थे। जो रिपेयर भी की गई, उसमें भी डायरेक्ट मिट्टी के ऊपर सीमेंट युक्त मसाला डालकर काम किया गया और जहां पेचवर्क किया गया, वहां भी कहीं भी गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया।

ओहरे के सदस्यों ने बताया कि गत वर्ष के क्लोजर के लगभग प्रारंभ में ही यूजेवीएनएल के एक अधिशासी अभियंता द्वारा क्लोजर के नाम पर चार वाहनों की अनुमति बिना जिलाधिकारी की परमिशन के दी गई थी। इस अनुमति की आड़ में 18 खनन वाहनों के नंबर बैराज गेट पर चस्पा कर दिए गए थे, जिनमें बेरोकटोक पड़ोसी राज्य से खनन सामग्री ढोई जा रही थी। खनन विभाग भी इसका गवाह है। इस मुद्दे पर भी आवाज उठाई गई थी, परंतु जांच कहां तक पहुंची और दोषी अधिकारी के विरुद्ध क्या एक्शन हुआ, कुछ भी आज तक स्पष्ट नहीं है।

ओहरे ने यह भी मांग की कि गर्मियों के मौसम में एक टाइम में दो बार क्लोजर लेने के कारण विद्युत उत्पादन की जो हानि हुई है, उसकी क्षतिपूर्ति निगम के अधिकारियों व ठेकेदारों से की जाए। ज्ञापन सौपने वालों में ओहरे के अध्यक्ष भास्कर चुग, संयोजक विकास शर्मा एवं सुंदर सिंह चौहान, भुवन चंद्र पंत, विजय सूर्यांश एडवोकेट, प्रदीप सूर्यांश, डीके बनर्जी, सुरेंद्र शर्मा, जीवन सिंह आदि पदाधिकारी शामिल रहे।

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