
Pratapgarh : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ की राजनीति हो या राजसी ठाठ-बाट, कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया हमेशा सुर्ख़ियों में रहते हैं। लेकिन इस बार चर्चा उनके किसी राजनीतिक बयान की नहीं, बल्कि उनके अस्तबल में आए एक नए मेहमान की है। महाराष्ट्र से चलकर प्रतापगढ़ की पावन धरती बेंती पहुंचे इस ‘अनमोल’ घोड़े की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है। इस घोड़े की कीमत 1.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
‘विजयराज’ घोड़े ने बढ़ाई अस्तबल की रौनक
मारवाड़ी नस्ल के इस घोड़े का नाम राजा भैया ने ‘विजयराज’ रखा है। इस घोड़े ने कुंडा के बेंती राजभवन के अस्तबल की रौनक बढ़ा दी है। छत्रपति शिवाजी महाराज की वीर भूमि महाराष्ट्र से चलकर जब यह घोड़ा अवध की धरती पर पहुंचा, तो इसका स्वागत किसी राजकुमार की तरह किया गया। पारंपरिक विधि-विधान से पूजन हुआ और फिर इसे राजभवन के बेड़े में शामिल किया गया।
करीब डेढ़ करोड़ बताई जा रही है घोड़े की कीमत
करीब डेढ़ करोड़ की कीमत वाला यह अश्व राजा भैया ने खरीदा नहीं है, बल्कि यह उनके एक करीबी मित्र ने उन्हें तोहफे में दिया है। मजबूत कद-काठी, चमकदार शरीर और राजसी चाल वाले ‘विजयराज’ को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध है। लेकिन इसकी खासियत सिर्फ इसकी खूबसूरती नहीं, बल्कि इसका शानदार ‘पासपोर्ट’ भी है।
‘विजयराज’ के पास है आधिकारिक पासपोर्ट
आपको जानकर हैरानी होगी कि ‘विजयराज’ का अपना एक आधिकारिक पासपोर्ट है। इस पासपोर्ट में न केवल उसकी कद-काठी और रंग का जिक्र है, बल्कि उसकी पिछली तीन पीढ़ियों की वंशावली भी दर्ज है। यह प्रमाणित करने के लिए कि यह शुद्ध मारवाड़ी नस्ल का है। इसकी डीएनए रिपोर्ट भी तैयार की गई है। केवल पारंगत और उच्च श्रेणी के घोड़ों को ही इस तरह के दस्तावेज जारी किए जाते हैं।
घुड़सवारी के शौकीन हैं राजा भैया
बता दें कि कुंडा के बाहुबली विधायक राजा भैया को घुड़सवारी और पशु-प्रेम के लिए जाना जाता है। उनके पास पहले से ही कई अरबी और मारवाड़ी नस्ल के घोड़े मौजूद हैं, लेकिन ‘विजयराज’ की एंट्री ने उनके शौक को एक नई ऊंचाई दी है।
सोशल मीडिया पर अब इस बेशकीमती तोहफे और राजा भैया की लग्जरी लाइफस्टाइल की खूब चर्चा हो रही है। महाराष्ट्र से आई यह ‘भेंट’ कुंडा की सियासत में कितनी रफ्तार भरेगी, ये तो वक्त बताएगा, लेकिन ‘विजयराज’ ने फिलहाल बेंती राजभवन की शान में चार चांद लगा दिए हैं।














