
लेह : हिमालय की ऊंची वादियों में शांतिपूर्ण आंदोलन का स्वर अब गुस्से की चीख में बदल गया है। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की लंबे समय से चली आ रही मांग ने बुधवार को लेह की सड़कों पर हिंसा का रूप ले लिया। युवाओं के नेतृत्व में शुरू हुआ प्रदर्शन पुलिस से भिड़ गया, जिसमें बीजेपी कार्यालय को आग लगा दी गई और सीआरपीएफ के वाहनों में तोड़फोड़ व आगजनी की घटनाएं दर्ज की गईं। यह घटना न केवल केंद्र सरकार और स्थानीय निवासियों के बीच तनाव को नया आयाम दे रही है, बल्कि ‘जेन-जेड रेवोल्यूशन’ के रूप में उभर रही पीढ़ी की निराशा को भी उजागर कर रही है। पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने हिंसा पर दुख जताते हुए अपनी 15-दिवसीय भूख हड़ताल समाप्त कर दी और युवाओं से शांति की अपील की। विपक्ष ने इसे केंद्र की ‘नाकामी’ करार देते हुए संवाद की मांग की है। आइए, इस घटना के हर पहलू को विस्तार से समझते हैं।
बुधवार सुबह लेह में लद्दाख एपेक्स बॉडी (LAB) की युवा इकाई ने पूर्ण बंद का आह्वान किया था। यह प्रदर्शन 10 सितंबर से चल रही भूख हड़ताल के समर्थन में था, जिसमें सोनम वांगचुक समेत 15 लोग शामिल थे। मंगलवार रात को दो प्रदर्शनकारियों की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसने युवाओं का गुस्सा भड़का दिया।
- शुरुआत: सैकड़ों युवा, ज्यादातर छात्र, लेह की सड़कों पर उतरे। नारे लगे – “लद्दाख को राज्यhood दो!” और “छठी अनुसूची लागू करो!”। वे लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल (LAHDC) कार्यालय की ओर बढ़े।
- हिंसा का मोड़: पुलिस ने रोकने की कोशिश की, तो पथराव शुरू हो गया। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय पर हमला किया, जहां आग लगा दी गई। एक सीआरपीएफ वाहन को भी आग के हवाले कर दिया गया।
- पुलिस का जवाब: आंसू गैस, लाठीचार्ज और बैटन चार्ज का सहारा लिया गया। कोई मौत की खबर नहीं, लेकिन कई घायल हुए। स्थिति को काबू करने के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई।
- प्रभाव: चार दिवसीय लद्दाख फेस्टिवल का अंतिम दिन रद्द। लेह में धारा 163 लागू। कर्गिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने गुरुवार को पूर्ण बंद का ऐलान किया
घटना का समयबद्ध सारांशविवरणसुबह 10 बजेLAB युवा विंग का बंद और प्रदर्शन शुरू।दोपहर 12 बजेपथराव, बीजेपी कार्यालय पर हमला। आग लगी।दोपहर 1 बजेसीआरपीएफ वाहन जला, पुलिस का लाठीचार्ज।दोपहर 2 बजेसोनम वांगचुक का वीडियो संदेश, हड़ताल समाप्त।शामअतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात, फेस्टिवल रद्द।
सोनम वांगचुक का दर्द: ‘मेरा शांति संदेश विफल रहा, जेन-जेड का गुस्सा फूटा’
सोनम वांगचुक, जो ‘3 इडियट्स’ फिल्म के प्रोटोटाइप के रूप में मशहूर हैं, ने एक भावुक वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा, “मुझे बहुत दुख है कि लेह में तोड़फोड़ हुई। दफ्तर और पुलिस गाड़ियां जला दी गईं। यह युवाओं का गुस्सा था, एक तरह का ‘जेन-जेड रेवोल्यूशन’। लेकिन हिंसा हमारी मांग को कमजोर करती है।”
वांगचुक ने अपनी 15-दिवसीय भूख हड़ताल समाप्त कर दी, ताकि और अशांति न फैले। उन्होंने युवाओं से अपील की: “यह बकवास बंद करो। हमारा उद्देश्य शांति से ही पूरा होगा।” X (पूर्व ट्विटर) पर उनके पोस्ट को हजारों लाइक्स मिले। (@Wangchuk66)
मुख्य मांगें: क्यों लद्दाख असंतुष्ट?
2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश (UT) बनाया गया, लेकिन स्थानीय लोग इसे अपर्याप्त मानते हैं। छठी अनुसूची पूर्वोत्तर राज्यों (असम, मेघालय आदि) में जनजातीय क्षेत्रों को स्वायत्तता देती है, जो लद्दाख की सांस्कृतिक पहचान, भूमि अधिकार और पर्यावरण संरक्षण को मजबूत करेगी।
लद्दाख की चार प्रमुख मांगें:
- पूर्ण राज्य का दर्जा: UT से राज्य बनना, ताकि विधायी और प्रशासनिक नियंत्रण स्थानीय हो।
- छठी अनुसूची में शामिल: जनजातीय स्वायत्तता, भूमि सुरक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण।
- दो अलग लोकसभा सीटें: लेह और कर्गिल के लिए।
- तत्काल संवाद: केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाना (अगली बैठक 6 अक्टूबर को निर्धारित)।
बीजेपी ने 2019 में राज्यhood का वादा किया था, लेकिन चुनावी हार के बाद इसे लटका दिया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: विपक्ष का केंद्र पर हमला
- उमर अब्दुल्ला (जम्मू-कश्मीर CM): “बीजेपी राज्य दर्जा बहाल करने में देरी कर रही है। चुनाव में हार का खामियाजा जनता भुगत रही है। यह वादाखिलाफी है।”
- तनवीर सादिक (NC विधायक): “दुर्भाग्यपूर्ण। जेकेई की तरह लद्दाख को भी गलत तरीके से संभाला जा रहा। हिंसा की निंदा, लेकिन केंद्र को संवाद करना चाहिए।”
- कांग्रेस पर आरोप: कुछ BJP समर्थक दावा कर रहे कि हिंसा कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैंजिन त्सेपाग ने भड़काई।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन 6 अक्टूबर की बैठक महत्वपूर्ण होगी।
घटना की वीडियों
यहां घटना के प्रमुख वीडियो हैं, जो X और समाचार स्रोतों से लिए गए हैं। ये हिंसा, अपील और माहौल को दर्शाते हैं:
यह हिंसा लद्दाख के आंदोलन को नया मोड़ दे रही है। अगले महीने LAHDC चुनाव हैं, जहां BJP की जीत दांव पर है। केंद्र को अब संवाद तेज करना होगा, वरना ‘जेन-जेड’ का गुस्सा और फैल सकता है। सोनम वांगचुक जैसे नेताओं की अपील कामयाब हो, यही कामना है। लद्दाख की शांत वादियां हिंसा की शिकार न हों।
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