ह्यूस्टन । भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके साथी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर लगभग 18 घंटे बिताने के बाद पृथ्वी पर वापसी के लिए तैयार हैं। शुभांशु एक्सिओम-4 मिशन (एक्स-4) क्रू के साथ आईएसएस जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। वो आज अपराह्न अंतरराष्टीय अंतरिक्ष स्टेशन से अनडॉक होंगे।
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) की विज्ञप्ति के अनुसार, प्रस्थान प्रक्रिया सोमवार सुबह 4:30 पूर्वाह्न पूर्वी मानक समय (ई़डीटी/दोपहर 2:00 बजे) आईएसटी से शुरू होगी। क्रू सुबह लगभग 7:05 बजे पृथ्वी के लिए रवाना होगा।
नासा करेगा लाइव प्रसारण
नासा की विज्ञप्ति के अनुसार, इस पूरी प्रक्रिया का प्रसारण नासा अपने नासा प्लस पर करेगा। एक्सिओम स्पेस और स्पेस एक्स की वेबसाइट पर ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान के पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने और 15 जुलाई को लगभग दोपहर तीन बजे प्रशांत महासागर के कैलिफोर्निया तट पर स्पलैशडाउन तक जारी रहेगा।
वापसी में 22.5 घंटे का लगेगा समय
एक्सिओम स्पेस के अनुसार, चालक दल की पृथ्वी पर वापसी यात्रा में लगभग 22.5 घंटे लगेंगे। इससे पहले रविवार को ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से भावपूर्ण विदाई भाषण दिया। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही। यह एक जादू की तरह महसूस हुई। अंतरिक्ष से आज का भारत महत्वाकांक्षी, निडर, आत्मविश्वासी और गर्व से भरा हुआ दिखता है।
सारे जहां से अच्छा दिखता है भारत
उन्होंने 1984 में राकेश शर्मा के कालजयी शब्दों को दोहराते हुए कहा कि अंतरिक्ष से भारत आज भी ‘सारे जहां से अच्छा’ दिखता है। शुक्ला ने कहा कि आज का भारत अंतरिक्ष से महत्वकांशी दिखता है। ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने इस यात्रा को संभव बनाने के लिए इसरो, नासा, अंतरराष्ट्रीय साझेदारों, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स का आभार व्यक्त किया है। एक्स-4 चालक दल में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की कमांडर पैगी व्हिटसन, पायलट शुभांशु शुक्ला, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के पोलैंड के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोज सुवे उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगेरियन टू ऑर्बिट के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कापू शामिल हैं।
साठ से अधिक प्रयोग
नासा के अनुसार, ड्रैगन अंतरिक्ष यान 580 पाउंड से अधिक कार्गो के साथ पृथ्वी पर लौटेगा। इसमें नासा हार्डवेयर और मिशन के दौरान किए गए 60 से अधिक प्रयोगों का डेटा शामिल है। एक्सिओम मिशन-4 को 25 जून को स्पेसएक्स फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39-A से प्रक्षेपित किया गया था। ड्रैगन अंतरिक्ष यान 26 जून को निर्धारित समय से पहले शाम 4:05 बजे आईएसएस से सफलतापूर्वक जुड़ गया था।
पिता की ईश्वर से प्रार्थना
भारत के उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ग्रुप कैप्टन के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि सभी लोगों की पृथ्वी पर सकुशल वापसी हो। उन्होंने कहा, “उनके (शुभांशु शुक्ला) लखनऊ लौटने को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है। मिशन के बाद जब उनकी मेडिकल रिपोर्ट आ जाएगी, तब यह स्पष्ट होगा कि वे कब आएंगे। हम ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि वे सकुशल पृथ्वी पर लौट आएं…।”
#WATCH | The Axiom-4 mission, featuring Group Captain Shubhanshu Shukla, is set to undock from the International Space Station on July 14th.
— ANI (@ANI) July 13, 2025
During the farewell ceremony, Group Captain Shubhanshu Shukla says, "… A few words for my countrymen in Hindi. It has been an amazing… pic.twitter.com/1OOPWQUKD4