Video : शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से कहा- ‘सभी को नमस्कार, मैं एक बच्चे की तरह…’,

Video Shubhanshu Shukla Message : भारतीय वायुसेना के अनुभवी पायलट और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी है। 39 वर्षीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो अब एक अंतरिक्ष यात्री बन चुके हैं, एक्सिओम-4 मिशन के तहत स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में पहुंचे। यह मिशन चार अंतरिक्ष यात्रियों की एक टीम का हिस्सा है, जिसमें उनके साथ कमांडर पैगी व्हिटसन, हंगरी के मिशन विशेषज्ञ टिबोर कापू और पोलैंड के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की भी हैं।

अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला ने क्या कहा?

मिशन की शुरुआत से ही शुभांशु शुक्ला ने अपने अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने अंतरिक्ष से अपने पहले संदेश में कहा, “सभी को अंतरिक्ष से नमस्कार। मैं अपने साथियों के साथ इस अद्भुत यात्रा पर हूं, और यह अनुभव बेहद रोमांचक है। जब मैं लॉन्चपैड पर कैप्सूल में बैठा था, तो मेरे मन में बस एक ही विचार था- चलो, अब चलते हैं।”

उन्होंने आगे बताया कि जैसे ही यात्रा शुरू हुई, उन्हें महसूस हुआ कि वे सीट पर पीछे की ओर धकेले गए थे। “यह एक अद्भुत यात्रा थी। अचानक ही सब कुछ शांत हो गया, जैसे आप शून्य में तैर रहे हैं। मैं एक बच्चे की तरह सीख रहा हूं कि अंतरिक्ष में कैसे चलना और खाना है,” उन्होंने कहा।

शून्य गुरुत्वाकर्षण में तैरने का अनुभव हो रहा था : शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला ने अपने पहले घंटों में अपने माइक्रोग्रैविटी के अनुभव को भी साझा किया। वह फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन अंतरिक्षयान में बैठे थे, जब उन्होंने इस अनोखे अनुभव का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्हें शून्य गुरुत्वाकर्षण में तैरने का अनुभव हो रहा था, जो अपने आप में एक अद्भुत अनुभूति थी। इस मिशन के साथ, वह भारत के दूसरे व्यक्ति बन गए हैं, जो अंतरिक्ष में पहुंचे हैं।

बता दें कि यह मिशन कई बार स्थगित हुआ था। शुरुआती तौर पर इसे 29 मई को लॉन्च किया जाना था, लेकिन मौसम की खराबी और तकनीकी समस्याओं के कारण कई बार इसे टालना पड़ा। नासा, स्पेसएक्स और एक्सिओम की टीमों ने करीब एक महीने तक इन विसंगतियों को दूर करने में काम किया। शुक्ला के परिवार और हजारों शुभचिंतकों ने लखनऊ, बुडापाटेस्ट, डांस्क और ह्यूस्टन जैसे शहरों में इस ऐतिहासिक पल को लाइव देखा।

विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद दूसरा भारतीय

इस उड़ान के साथ, शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे नागरिक बन गए हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में कदम रखा है। उन्होंने पृथ्वी से 7.5 किमी/सेकंड की गति से यात्रा कर, अपने साथियों के साथ मिलकर ISS पर पहुंचने में सफलता हासिल की। 1970 के दशक में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय, विंग कमांडर राकेश शर्मा, अप्रैल 1984 में सोवियत संघ के साथ संयुक्त मिशन के तहत उड़ान भर चुके हैं।

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