
Bihar Bandh Video : बिहार चुनाव की तैयारियों के बीच, मतदाता सूची सत्यापन के खिलाफ महागठबंधन ने बुधवार को पूरे राज्य में चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पटना सहित विभिन्न जिला मुख्यालयों पर व्यापक प्रदर्शन हुए। महागठबंधन के नेताओं ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची का सत्यापन सरकार का एक राजनीतिक साजिश है, जिसे उन्हें रुकवाना चाहिए।
पटना में महागठबंधन के प्रमुख नेताओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस, आरजेडी, वाम दल सहित कई विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। नेताओं ने आयकर चौराहा से शुरू होकर वीरचंद पटेल पथ, शहीद स्मारक होते हुए चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च निकाला। इस प्रदर्शन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, राहुल गांधी सहित महागठबंधन के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। नेताओं ने सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी की और मतदाता सूची सत्यापन का विरोध किया।
वहीं, बिहार के विभिन्न जिलों में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए। जनता का आरोप है कि मतदाता सूची का सत्यापन सरकार का राजनीतिक हथकंडा है, जिससे आगामी चुनाव का माहौल बिगड़ सकता है।
इस संदर्भ में, दिल्ली से बिहार के सांसद मनोज झा ने कहा, “मेरा मानना है कि जब भी देश में बंद का आह्वान होता है, तो उसकी मंशा जनता के दिमाग को खोलने की होती है। विपक्षी दल इस प्रक्रिया का इस्तेमाल अपनी बात कहने और सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए कर रहे हैं।”
मनोज झा ने आगे कहा, “सरकार और संस्थानों को यह समझना चाहिए कि लोकतंत्र संवाद से चलता है, एकतरफा फैसलों से नहीं। हाल ही में चुनाव आयोग की हठधर्मिता का हमें अहसास हुआ है।”
उन्होंने विपक्षी नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा, “बिहार में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अन्य दलों के नेताओं का उद्देश्य है कि कोई भी संस्था या व्यक्ति बड़ा नहीं है। किसी भी फैसले को बिना सोचे-समझे लागू करना ठीक नहीं है। आलोचना करने वालों को दबाना और गलत टिप्पणियों का प्रयोग करना उचित नहीं है।”










