
रमजान के पवित्र महीने का समापन हो रहा है और जुमा-तुल-विदा यानी अलविदा जुमा की नमाज को लेकर देशभर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. साथ ही उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों, जैसे लखनऊ, संभल, मेरठ और प्रयागराज में पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी रखने की योजना बनाई है. इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भी विशेष नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी तरह की अफवाहों को फैलने से रोका जा सके. प्रशासन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग पारंपरिक और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी नमाज अदा कर सकें.
संभावित सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर, यूपी पुलिस ने शांति समिति की बैठकें आयोजित की हैं, जिसमें स्थानीय समुदायों के प्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की गई है. पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि पारंपरिक स्थानों जैसे मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन छतों और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ इकट्ठा होने से बचने की सलाह दी गई है. प्रशासन का कहना है कि छतों पर अधिक संख्या में लोगों के एकत्र होने से दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए इस पर रोक लगाई गई है.
सार्वजानिक स्थानों पर नहीं पढ़ी जाएगी नमाज
इसके अलावा, सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने को लेकर भी पुलिस सतर्क है. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह रोक किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं बल्कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाई गई है. संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके.
#WATCH | Uttar Pradesh | Rapid Action Force and police personnel conduct a flag march in Sambhal on the day of 'Alvida Namaz' (special prayers on the last Friday of Ramzan), as the month-long Ramzan is in its last week
— ANI (@ANI) March 28, 2025
Sambhal administration has issued instructions to ensure… pic.twitter.com/RfFcc6mZGG
काली पट्टी बांधकर करेंगे वक्फ बिल का विरोध
इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ विरोध जताने का आह्वान किया है. बोर्ड ने देशभर के मुसलमानों से अपील की है कि वे अलविदा की नमाज के दौरान काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज करें. बोर्ड का मानना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संस्थाओं को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इसे लेकर जागरूकता फैलाना जरूरी है. विरोध प्रदर्शन को लेकर बोर्ड ने सोशल मीडिया पर अभियान भी शुरू किया है.
#WATCH | Uttar Pradesh | Security tightened outside the Teele Wali Masjid in Lucknow on the day of 'Alvida Namaz' (special prayers on the last Friday of Ramzan), as the month-long Ramzan is in its last week pic.twitter.com/XNJy7DILOF
— ANI (@ANI) March 28, 2025
मुस्लिम समुदायों के साथ हुई बैठक
ईद से पहले यूपी पुलिस ने प्रशासनिक तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है. सभी जिलों में पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय मुस्लिम समुदाय के नेताओं से मुलाकात कर यह सुनिश्चित किया है कि नमाज किसी भी प्रकार की असुविधा के बिना संपन्न हो. हालांकि, कुछ जिलों में छतों पर नमाज पढ़ने की रोक को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन पुलिस ने स्पष्ट किया कि केवल जर्जर मकानों की छतों पर सुरक्षा कारणों से रोक लगाई गई है. वहीं, नागपुर में भी अलविदा जुमे की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क है.
#WATCH | Maharashtra: Security tightened in Nagpur on the day of 'Alvida Namaz' (special prayers on the last Friday of Ramzan), as the month-long Ramzan is in its last week pic.twitter.com/MPG6IRqPKE
— ANI (@ANI) March 28, 2025
राजनीतिक बयानबाजी हुई तेज
ईद की नमाज को लेकर दिल्ली में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. भाजपा के कुछ नेताओं ने सड़क पर नमाज पढ़ने का विरोध किया, जिसके जवाब में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शोएब जमई ने कहा कि यदि मस्जिदों में जगह कम पड़ती है, तो लोग सड़क पर भी नमाज अदा करेंगे. उन्होंने कांवड़ यात्रा का उदाहरण देते हुए कहा कि जब सड़कों को धार्मिक आयोजनों के लिए घंटों बंद किया जा सकता है, तो नमाज के लिए 15 मिनट का समय दिया जाना चाहिए. वहीं, भाजपा विधायक करनैल सिंह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर सार्वजनिक स्थानों पर नमाज रोकने की मांग की, जिससे यातायात बाधित न हो. इसी मुद्दे पर मोहन सिंह बिष्ट ने भी समर्थन जताया.दिल्ली में
कब दिखेगा ईद का चांद?
ईद का चांद दिखने के आधार पर इस वर्ष भारत में 31 मार्च या 1 अप्रैल को ईद मनाई जा सकती है. प्रशासन और पुलिस बल यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि रमजान और ईद की सभी धार्मिक गतिविधियाँ शांतिपूर्वक और सुरक्षित रूप से संपन्न हों. किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है और आवश्यकतानुसार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल को तैयार रखा गया है.