उपराष्ट्रपति का इस्तीफा बना राजनीतिक चर्चा का विषय, कई नेताओं ने जताई चिंता

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों को हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। संविधान के अनुच्छेद 67 (A) के अनुसार दिया गया है। संसद के मानसून सत्र के बीच धनखड़ ने अपने इस्तीफे की घोषणा की है। राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने संसद का सत्र शुरू होने के बाद कुछ समय के लिए सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता की, जिसके बाद संसद से चुपचाप बाहर चले गए, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की, अरविंद केजरीवाल ने (एक्स) पर एक पोस्ट में कहा था कि उपराष्ट्रपति के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए उनसे मुलाकात की थी। हम सब ईश्वर से उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता है। उपराष्ट्रपति कार्यालय ने मुलाकात की पुष्टि की है। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कहा कि हम इस पर अटकलें नहीं लगाएंगे कि यह सही है या गलत है। व्यक्तिगत रूप से उनके इस्तीफे से खुश नहीं हैं, क्योंकि संसद जाने के बाद ही सही जानकारी स्पष्ट हो पाएगी, उपराष्ट्रपति से कई वर्षों से अच्छे वि पारिवारिक संबंध रहे हैं। सदन में हमेशा कहते थे कि सत्ता पक्ष और विपक्ष को एकमत होकर आगे बढ़ना चाहिए, क्योंकि देश का सवाल है। हमारे संबंध हमेशा अच्छे रहे, भले हमारी विचारधाराएं अलग थी, लेकिन कभी कोई कड़वाहट नहीं थी ।उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अच्छे स्वास्थ्य और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता है, लेकिन अचानक क्यों हुआ, ये समझना मुश्किल है। उनसे आग्रह करते हैं कि वे इस्तीफा न दें, साथ ही संसद का यह सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है.

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