कछुआ (टर्टल) को हिन्दू धर्म में शुभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह विशेष रूप से घर के वास्तु के अनुसार भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कछुए की मूर्ति या आकृति रखने से घर में शांति, समृद्धि, और सुख-शांति का वास होता है। आइए जानें कछुए की मूर्ति घर में किस दिशा में रखनी चाहिए:
- उत्तर दिशा (North)
उत्तर दिशा को घर के वास्तु में धन और समृद्धि की दिशा माना जाता है। कछुए की मूर्ति को उत्तर दिशा में रखने से घर में धन वर्धन और सुख-शांति का अनुभव होता है। यह दिशा कछुए के शुभ प्रभाव को बढ़ाती है। - उत्तर-पूर्व (North-East)
उत्तर-पूर्व दिशा को ‘ईशान कोण’ कहा जाता है, जिसे पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। इस दिशा में कछुए की मूर्ति रखना बेहद लाभकारी हो सकता है, क्योंकि यह वास्तु शास्त्र के अनुसार मानसिक शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि को आकर्षित करता है। - दक्षिण-पूर्व (South-East) से बचें
कछुए की मूर्ति को दक्षिण-पूर्व दिशा में न रखें। यह दिशा आग और ऊर्जा की दिशा मानी जाती है, और यहां कछुए की मूर्ति रखने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इससे घर में तनाव और अशांति की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। - पानी के पास रखें (Water Element)
कछुए को पानी के पास रखना भी अच्छा माना जाता है। यदि आपके घर में कोई फाउंटेन, मछली का टैंक या पानी का कोई स्रोत हो, तो कछुए की मूर्ति को उसके पास रखा जा सकता है, जिससे वास्तु शास्त्र के अनुसार अच्छे परिणाम मिलते हैं। - कछुए की मूर्ति का आकार और स्थिति
कछुए की मूर्ति का आकार बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए। छोटे आकार की मूर्ति को ठीक से स्थापित किया जाए तो यह शुभ फलों की प्राप्ति में सहायक होती है। मूर्ति को इस तरह रखें कि उसका मुख हमेशा सामने की ओर हो और वह घर के मुख्य द्वार से अंदर की ओर देख रहा हो।