
- बोली—विपक्षी दलों की साजिश, मुझे बदनाम करने की कोशिश
- मेलोडी स्पा का स्वामी न तो मैं हूं न ही कोई मेरा जानने वाला
Varanasi : उत्तर प्रदेश के वाराणसी सिगरा क्षेत्र के एक फ्लैट में देह व्यापार मामले में भाजपा नेत्री शालिनी यादव और उनके पति अरूण यादव ने सोशल मीडिया पर लगाए जा रहे तमाम आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने गुरुवार को स्पष्ट कहा कि ‘मेलोडी स्पा’ से उनका या उनके किसी परिचित का कोई संबंध नहीं है।
यहां रामकटोरा स्थित एक रेस्टोरेंट में मीडिया से बातचीत के दौरान अरूण यादव ने कहा कि सिगरा क्षेत्र की शक्ति शिखा बिल्डिंग में स्थित फ्लैट नंबर 112 उनके स्वामित्व में वर्ष 1999 से है। वर्तमान में उनका आवास महमूरगंज में होने के कारण वह इस फ्लैट को पिछले 26 वर्षों से नियमपूर्वक किराए पर देते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि ब्रोकर के माध्यम से यह फ्लैट 1 अप्रैल 2025 से चंदौली निवासी अश्वनी त्रिपाठी को विधिवत एग्रीमेंट के तहत किराए पर दिया गया था। एग्रीमेंट पर गवाहों की मौजूदगी में हस्ताक्षर हुए और नोटरी भी कराया गया। अरूण यादव ने कहा कि समझौता पत्र के दसवें बिंदू में साफ लिखा है कि किराएदार फ्लैट में किसी भी अवैध गतिविधि के लिए स्वयं जिम्मेदार होगा, उसका मालिक से कोई संबंध नहीं होगा। किराया भी हमेशा बैंक के माध्यम से ही लिया गया है।
शालिनी यादव ने बताया कि 2 दिसम्बर को पुलिस ने पहले सिगरा स्थित ‘मेलोडी स्पा’ पर छापा मारा, जहां से 10 लोगों की गिरफ्तारी दिखाई गई। इसके बाद कार्रवाई के क्रम में पुलिस उनके फ्लैट पर भी पहुंची, जहां किराएदार के कब्जे से तीन महिलाओं को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के बाद तीनों को सिगरा थाने से छोड़ दिया गया। भाजपा नेत्री ने कहा कि पुलिस ने दोनों स्थानों के लिए अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है। उनके फ्लैट से संबंधित एफआईआर में केवल तीन महिलाओं के पकड़े जाने का जिक्र है, फ्लैट मालिक का नाम कहीं शामिल नहीं है। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर उनके फ्लैट से 13 लोगों की गिरफ्तारी का झूठा प्रचार किया जा रहा है, जो पूरी तरह गलत और भ्रामक है।
उन्होंने इसे विपक्ष की साजिश करार देते हुए कहा कि फर्जी खबरों के जरिए उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। शालिनी यादव ने कहा कि वह ऐसे सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगी। उन्होंने मीडिया से अनुरोध किया कि सही तथ्यों को सामने लाएं ताकि वास्तविकता स्पष्ट रूप से लोगों तक पहुंच सके।












