
हाल ही में Google ने Vapor Operation नामक एक बड़े साइबर हमले का खुलासा किया, जिसके कारण उसने 300 से अधिक खतरनाक ऐप्स को अपने प्ले स्टोर से हटा दिया। ये ऐप्स यूजर्स की जानकारी चुराने और उन्हें धोखा देने के लिए डिज़ाइन किए गए थे। तो, Vapor Operation क्या है और यह कैसे काम करता है, आइए जानें।
Vapor Operation एक साइबर अपराधी नेटवर्क द्वारा चलाई गई डिजिटल धोखाधड़ी की योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य यूजर्स के डेटा को चुराना और फर्जी ट्रैफिक जनरेट करके विज्ञापन धोखाधड़ी करना था। इस ऑपरेशन में कई हानिकारक मोबाइल ऐप्स शामिल थे, जिन्हें आकर्षक तरीके से डिज़ाइन किया गया था ताकि यूजर्स को यह पता न चले कि वे धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं।
साइबर अपराधियों ने इन ऐप्स को इस तरह से तैयार किया था कि ये असली और भरोसेमंद लगें, ताकि लोग इन्हें आसानी से डाउनलोड कर सकें। इन ऐप्स को मोबाइल में इंस्टॉल करने के बाद, ये यूजर्स का व्यक्तिगत डेटा, लोकेशन और ब्राउज़िंग इतिहास चोरी करते थे। इसके अलावा, ऐप्स के जरिए फर्जी ट्रैफिक और नकली विज्ञापन क्लिक किए जाते थे, जिससे विज्ञापन कंपनियों को भारी नुकसान होता था।
कुछ ऐप्स में स्पाइवेयर और मैलवेयर भी छिपे होते थे, जो फोन की गति को धीमा कर सकते थे या अन्य संवेदनशील जानकारी चुरा सकते थे। Google की सुरक्षा टीम ने Vapor Operation से जुड़े ऐप्स की जांच की और पाया कि ये ऐप्स डेटा चोरी, विज्ञापन धोखाधड़ी और साइबर हमलों में शामिल थे। इसके बाद, Google ने लगभग 330 ऐसे ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया और यूजर्स को इन्हें डिलीट करने की सलाह दी।
सुरक्षित रहने के लिए, केवल भरोसेमंद डेवलपर्स के ऐप्स डाउनलोड करें। ऐप इंस्टॉल करने से पहले उसके रिव्यू और अनुमतियों को ध्यान से पढ़ें। Google Play Protect को सक्रिय रखें ताकि संदिग्ध ऐप्स का पता चल सके। यदि कोई ऐप अजीब व्यवहार करता है या अत्यधिक बैटरी खपत करता है, तो उसे तुरंत डिलीट कर दें।