Vaishno Devi Landslide : आपदा के बाद वैष्णो देवी से बिना दर्शन के लौटे श्रद्धालु; अब तक 34 लोगों की मौत, जम्मू डिवीजन में 58 ट्रेनें रद्द

Vaishno Devi Landslide : माता वैष्णो देवी मंदिर के यात्रा मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास पहाड़ खिसकने से दबे श्रद्धालुओं को निकालने का अभियान बुधवार दोपहर तक पूरा कर लिया गया है। ट्रैक और मां वैष्णो देवी भवन को खाली करा लिया गया है। इस आपदा में कुल 34 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 22 श्रद्धालु घायल हैं।

घायलों का कटड़ा के नारायणा अस्पताल में उपचार जारी है। इस घटना के बाद से मां वैष्णो देवी की यात्रा स्थगित कर दी गई है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के बिना ही घर वापस लौट रहे हैं, हालांकि चार हजार से अधिक श्रद्धालु अभी भी कटड़ा में ही यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।

मंगलवार तक, कटड़ा और जम्मू के होटलों एवं गेस्ट हाउस में लगभग 20 हजार यात्री ठहरे हुए थे। मंगलवार दोपहर बाद अर्धकुंवारी के पास भूस्खलन से भारी मात्रा में मलबा गिरा, जिससे लगभग 200 फीट का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। अभी यात्रा ट्रैक की मरम्मत में कुछ समय लग सकता है।

वहीं, मंगलवार सुबह साढ़े आठ से बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक, उधमपुर में 629.4 मिलीमीटर और जम्मू में 296 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। यह पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक दिन का सबसे अधिक वर्षा का रिकॉर्ड है। पिछले दो दिनों में प्रदेश में भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से कुल 42 लोगों की मृत्यु हुई है।

खतरे के निशान पर पहुंची झेलम

बुधवार दोपहर बाद जम्मू में मौसम में सुधार आया, लेकिन कश्मीर में लगातार बारिश के कारण झेलम सहित कई नदियों और नालों का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। इससे श्रीनगर के राजबाग क्षेत्र में पानी भर गया, और पुलिस ने वहां से लोगों को बाहर निकाला। अनंतनाग के अच्छाबल में भी कई स्थानों पर नदी का पानी घरों में घुस गया है। इस दौरान दो व्यक्तियों को करंट लगने से मौत हुई है।

इधर, जम्मू की अखनूर तहसील के परगवाल में चिनाब नदी के पास एक सीमांत चौकी में फंसे बीएसएफ के सात जवानों को मंगलवार रात ग्रामीणों ने बचाया, जबकि एक जवान का शव बुधवार सुबह बरामद हुआ। किश्तवाड़ के वाढवन में भी मंगलवार रात बादल फटने से आयी बाढ़ में 10 मकान बह गए हैं।

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में लिद्दर नदी में फंसे 22 लोगों को एसडीआरएफ के जवानों ने सुरक्षित निकाला। शेषनाग नाले में आई बाढ़ ने पहलगाम में चार इमारती ढांचों को नुकसान पहुंचाया है। कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, श्रीनगर के अलावा बड़गाम और गांदरबल जिलों में भी भारी वर्षा दर्ज की गई है।

मृतकों के परिजनों को मुआवजे का ऐलान

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन में मृत श्रद्धालुओं के परिवार को नौ लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। वहीं, जम्मू में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हर मृतक के परिजनों को छह लाख रुपये देने की भी घोषणा की है। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा की चेतावनी के बावजूद तीर्थयात्रियों को क्यों नहीं रोका गया, इसकी जांच की जाएगी।

पिछले 24 घंटों में, जम्मू और उसके आसपास के इलाकों में 5000 से अधिक लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मौसम का मिजाज देखते हुए, प्रशासन ने गुरुवार को पूरे प्रदेश में शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का निर्देश दिया है।

जम्मू के मंडलायुक्त रमेश कुमार ने कहा कि बाढ़ के कारण बंद रास्तों को बुधवार को खोल दिया गया है, लेकिन कुछ स्थानों पर जहां भूस्खलन के कारण मलबा पड़ा है या सड़कें बह गई हैं, वहां वाहनों का संचालन बंद है।

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