उत्तरकाशी। देवल डांडा नागराज मंदिर समिति के अध्यक्ष बिजैन सिहं कुमाई ने बताया कि चार गते अशूज को दशगी भंडारस्यूं क्षेत्र के मध्य स्थित देवल डांडा में आयोजित मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस बार मेले में क्षेत्र के ईष्ट देवता नागराजा का नवनिर्मित मंदिर आकर्षण केंद्र रहा। नागराजा से अपनों की खुशहाली के लिए क्षेत्र की ध्याणियों ने कामना की।
चार गते अशूज से देवल डांडा का मेला प्रारंभ होता है। चार गते शाम को नागराजा की पालकी तराकोट गांव में पहुंची। इस वर्ष 5 गते अशूज को तराकोट में भव्य मेले का आयोजन किया गया। 6 गते टिपरा गांव और 7 गते ग्राम जुणगा में मेला विधि विधान से संपन्न किया गया। क्षेत्रीय ग्रामीण नागराजा की पालकी के साथ नृत्य करते हैं साथ ही ईष्ट देव को अपनी ओर से भेंट देकर अपने व परिवार व क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
नागराजा को कृष्ण भगवान के रूप में पूजा जाता है, जो विष्णु भगवान के अवतार हैं। मेले के अवसर पर क्षेत्रीय ग्रामीण नागराजा को हरियाली, श्रीफल, अक्षत पुष्प के साथ ही दुग्धाभिषेक द्वारा प्रसन्न कर अपनी सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हैं। इस अवसर पर चिन्यालीसौड़ की कनिष्ठ प्रमुख उर्मिला रांगड़, ताराकोट के पूर्व प्रधान मनवीर सिंह रावत, राजेंद्र रांगड़, मानवेंद्र पंवार, विजय रावत आदि मौजूद थे।