उत्तरकाशी। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) की मौजदूगी में हर्षिल में आयोजित ‘वाइब्रेंट विलेज परिचर्चा सम्मेलन’ में सीमांत क्षेत्र में हो रहे उल्लेखनीय बदलावों के साथ ही इस इलाके के अनूठे सांस्कृतिक एवं सामाजिक परिवेश की बहुरंगी व जीवंत तस्वीर देखने को मिली। हर्षिल में आयोजित ‘वाईब्रेंट विलेज परिचर्चा सम्मेलन’ में विभिन्न विभागों के साथ ही स्वयं सहायता समूहों व किसानों द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में खेती-बागवानी, पर्यटन, स्वरोजगार के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों और संभावनाओं को प्रदर्शित करने के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों व महिलाओं के उल्लेखनीय प्रयासों व सामर्थ्य को भी सामने रखा गया।
राज्यपाल ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए खेती किसानी के तौर-तरीके में हो रहे बदलावों की बारीकी से जानकारी ली और सेब उत्पादकों से भेंट करने के साथ ही इस क्षेत्र में उत्पादित सेब की विभिन्न किस्मों की प्रदर्शनी देखा व जमकर सराहा।
सेब प्रदर्शनी में रॉयल, रेड व गोल्डन डेलीशियस, सेड व सुपर चीफ, गाला, आर्गन स्पर, किंगरोट, जैरोमाईन, स्कारलैट, फ्यूजी प्रजाति के साथ ही प्रसंस्करण उद्योग में काम आने वाले सेब की रायमर, बकिंघम, फैनी व जोनाथन आदि किस्मों के सेब की रंगत व लज्जत ने दर्शकों को अपनी तरफ खूब आकर्षित किया। ट्रैकिंग व पर्वतारोहण पर आधारित प्रदर्शनी के जरिए
इस क्षेत्र में साहसिक पर्यटन की निरंतर बढती गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की राज्यपाल ने जानकारी ली। खेती-बागवानी के काम में आने वाले यंत्रों व ड्रोन के साथ ही किसानों के विभिन्न उत्पादों के स्टॉल पर जाकर राज्यपाल ने बागवानी को बढ़ावा देने की योजनाओं एवं स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों को सराहा।