उत्तराखंड : स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द, पेपर लीक जांच रिपोर्ट के बाद सरकार ने लिया बड़ा फैसला

देहरादून : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द कर दी गई है। यह फैसला जांच के लिए गठित एकल सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपने के बाद लिया गया। 21 सितंबर को आयोजित इस परीक्षा में लगभग 1,05,000 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

पेपर लीक और छात्रों का आंदोलन

परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक केंद्र से पेपर के तीन पेज मोबाइल के माध्यम से बाहर आ गए और सोशल मीडिया में वायरल हो गए। इस घटना के बाद उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले प्रदेश भर के युवा धरना-प्रदर्शन करने लगे। छात्रों ने परीक्षा रद्द करने और सीबीआई जांच की मांग की। मुख्यमंत्री धामी खुद छात्रों के बीच पहुंचे और उनकी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।

जांच आयोग और SIT की कार्रवाई

सीएम धामी ने मामले में SIT गठन के साथ ही उत्तराखंड उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। आयोग ने सभी जनसंवाद और घटनाओं की जांच कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी।

छात्रहित में लिया फैसला

जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द करने का बड़ा निर्णय लिया। वहीं, भाजपा विधायक प्रतिनिधिमंडल ने भी सीएम धामी से मिलकर परीक्षा को छात्रहित में रद्द और दोबारा कराने की मांग की।

यह कदम छात्रों और युवाओं के लिए राहत की खबर माना जा रहा है, जिनका प्रदर्शन और आंदोलन पेपर लीक के खिलाफ लंबे समय से चल रहा था।

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