
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसी घटनाएं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. अराजक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. राज्य में रहने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. सीएम धामी ने एंजेल के परिवार को सांत्वना दी और फरार आरोपी की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भी उत्तराखंड सीएम से बात की और न्याय की मांग की. उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.
घटना कैसे हुई?
9 दिसंबर की शाम को एंजेल अपने छोटे भाई माइकल चकमा के साथ सेलाकुई बाजार में सब्जी या घर का सामान खरीदने गए थे. वहां कुछ स्थानीय युवक नशे में थे और वे बर्थडे की पार्टी मना रहे थे. इन युवकों ने एंजेल और माइकल को देखकर नस्लीय गालियां दी. उन्हें “चीनी”, ‘चिंकी’, ‘मोमो’ जैसे अपमानजनक शब्द कहे. पूर्वोत्तर के लोगों को अक्सर उनकी आंखों और चेहरे की बनावट की वजह से ऐसे अपशब्द सुनने पड़ते हैं. एंजेल ने शांतिपूर्वक इसका विरोध किया. उन्होंने कहा, ‘हम चीनी नहीं हैं, हम भारतीय हैं. हमें यह साबित करने के लिए कौन सा प्रमाण पत्र दिखाना पड़ेगा? लेकिन इसके बजाय स्थिति और बिगड़ गई. आरोपियों ने दोनों भाइयों पर हमला कर दिया. एक आरोपी ने माइकल के सिर पर भारी कड़ा (ब्रेसलेट) से मारा. एंजेल जब अपने भाई को बचाने आए, तो मुख्य आरोपी यज्ञराज अवस्थी ने उन पर चाकू से कई बार वार किए. चाकू गर्दन, सिर, पीठ और रीढ़ की हड्डी पर लगा. एंजेल गंभीर रूप से घायल हो गए और वहीं गिर पड़े. माइकल ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन 16-17 दिनों तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद एंजेल की मौत हो गई. माइकल भी घायल हुए, लेकिन उनकी हालत अब ठीक है
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने माइकल की शिकायत पर मामला दर्ज किया. पहले हमले और घायल करने के आरोप लगे, लेकिन एंजेल की मौत के बाद हत्या का केस जोड़ दिया गया. कुल छह आरोपियों में से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें दो नाबालिग हैं, जिन्हें बाल सुधार गृह भेजा गया है. बाकी तीन को जेल भेजा गया है. मुख्य आरोपी यज्ञराज अवस्थी नेपाल का रहने वाला है. वह घटना के बाद फरार हो गया और पुलिस को शक है कि वह नेपाल भाग गया. उसकी गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है. पुलिस की एक टीम नेपाल गई है और दूसरी टीम हरिद्वार में तलाश कर रही है, क्योंकि वह पहले हरिद्वार में पढ़ाई कर रहा था. नेपाल पुलिस से भी मदद मांगी गई है. उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि फरार आरोपी जल्द पकड़ा जाएगा.















