
रुद्रपुर : उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा रोडवेज बस स्टेशन पर निर्माणाधीन आईएसबीटी टर्मिनल के निर्माण में बाधा बनने वाले अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाया। रोडवेज डिपो के फोरमैन आवास पर वर्षों से अवैध रूप से कब्जा कर बैठे अतिक्रमणकारियों के खिलाफ प्रशासन ने अभियान छेड़ते हुए उनके पक्के भवनों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। इस दौरान छह परिवारों को भवन खाली करने के लिए मोहलत दी गई थी, लेकिन उन्होंने समय पर कब्जा नहीं हटाया, जिसके बाद कार्रवाई की गई।
करीब पांच पक्के भवनों को ध्वस्त किया गया, जिसमें महिलाओं के हाथ जोड़ने और बच्चों के रोने की घटनाएं भी देखने को मिलीं। घटना के दौरान कई परिवारों ने अपने सामान निकालने के लिए प्रशासन से समय मांगा, जिसे प्रशासन ने कुछ वक्त के लिए स्वीकार किया। प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि अतिक्रमणकारियों को उचित समय दिया जाए, ताकि वे अपने सामान को निकाल सकें और फिर निर्माण कार्य में कोई रुकावट न आए।
अतिक्रमण हटाने के इस अभियान के तहत छह परिवारों को उनके भवन खाली करने के लिए समय दिया गया था। अतिक्रमणकारियों की ओर से अदालत में इस मामले को लेकर वाद दायर किया गया था, जिससे आईएसबीटी टर्मिनल का निर्माण रुका हुआ था। हालांकि, न्यायालय ने अतिक्रमणकारियों की याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे अब निर्माण कार्य में फिर से तेजी लाने की अनुमति मिल गई है।
तीन मार्च को उत्तराखंड परिवहन निगम के सहायक महाप्रबंधक केएस राणा ने फोरमैन आवास पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर पक्के भवन बनाकर रह रहे 11 परिवारों को नोटिस जारी किया था। नोटिस में उन्हें 18 मार्च तक अतिक्रमण हटाने की मोहलत दी गई थी, लेकिन जब ये परिवार अपने कब्जे को नहीं हटाए, तो निगम के उच्च अधिकारी, जैसे जीएम पवन मेहरा, डीजीएम तकनीकी भूपेश कुशवाहा, टीकाराम, आरएम पूजा जोशी, और भूमि भवन देहरादून के अभियंता पीके दीक्षित के नेतृत्व में कार्रवाई की गई।