उत्तराखंड स्थापना दिवस पर विधानसभा में विशेष सत्र : राज्य की प्रगति और भविष्य के रोडमैप पर मंथन

देहरादून : उत्तराखंड के 25वें स्थापना पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन आज राज्य की प्रगति एवं भविष्य के ‘रोड मैंप’ पर विशेष चर्चा हो रही है। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायक सरकार की उपलब्धियों तो विपक्ष कानून व भ्रष्टाचार पर सरकार पर सवाल उठाएं।

मंगलवार सुबह विशेष सत्र के दूसरे दिन कार्यवाही शुरू होते ही टिहरी भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय ने अपनी बात रखते हुए कहा कि देवभूमि का गौरव का अपना एक अलग पहचान है। संघर्षों और बलिदान से राज्य का निर्माण हुआ है। राज्य निर्माण के संघर्ष के दौरान किसी को विधायक बनने की लालसा नहीं थीं। संघर्ष में सभी का सहयोग रहा। जीवन के लिए जो जरूरी है, आज उसकी चिंता करनी होगी। जल, गंगा की स्वच्छता पर और तेजी से काम करना होगा।

कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को नमन करते हुए कहा कि भाजपा सरकार राज्य में अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। उत्तराखंड में सैनिकों के याद के लिए निर्माण किया जा रहा है। सरकार और अर्द्धसरकारी में सैनिकों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। सैनिकों के हित में सरकार कई योजनाएं चला रही है। महिलाओं बेटियों के लिए, नंदा गौरी योजना, लखपति दीदी योजना सहित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के माध्यम से उनको लाभान्वित किया जा रहा है। डबल इंजन की सरकार में कोई ग्राम अब सड़क से अछूता नहीं है।

भगवानपुर कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने कहा कि सेवक बनकर जनता की सेवा करनी चाहिए और उनका विश्वास जीतना चाहिए। उत्तराखंड में विकास की अपार संभावनाएं है। निजी शिक्षा में एससी एसटी छात्रों को आरक्षण मिलना चाहिए। कांग्रेस सरकार 2013 आपदा को चुनौती के रूप लेकर कार्य किया गया। प्रदेश की विधवा और निराश्रित महिलाओं की निशुल्क उपचार की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने मेरा गांव मेरा सड़क के माध्यम से सड़कों के निर्माण में तेजी लाने और मनरेगा मजदूरों को नियमित करने की मांग की। अतिथि शिक्षकों के आंदोलन को लेकर सवाल उठाया। स्कूलों की हालत ठीक नहीं है। प्रसव पीड़ा की हालत किसी से छिपी नहीं है। कानून व्यवस्था ठीक करने और महिला थाने बनाने की मांग की।

निर्दलीय खानपुर विधायक उमेश कुमार ने कहा कि इन 25 वर्षों में राज्य की बदहाली का कारण क्या रहा। यह चर्चा का विषय है। घोटालों और गड़बड़ी में कहा से गड़बड़ी हुई और दोषी कौन रहे। जिस राज्य में ब्लॉक से लेकर राज्य मुख्यालय तक भर्ष्टाचार चरम पर है। राज्य पर एक लाख करोड़ का कर्ज है। ऐसे में विकास की बात बेमानी है। राज्य में देवी देवताओं के नाम पर शराब की ब्रांडिंग की गई। यह शर्म की बात है। आज तक राज्य में स्थाई राजधानी नहीं मिल गई है। राजनीतिक इक्छा शक्ति का आभाव है। रोडमैप में स्वास्थ्य सेवा को और जर्जर स्कूलों को बेहतर बनाना होगा।

सहसपुर भाजपा विधायक सहदेव पुंडीर कहा कि सम्मान और त्याग के लिए राज्य निर्माण का संघर्ष था। उनका बलिदान हमे राज्य के लिए कुछ करने का संदेश दिया है। प्रधानमंत्री के सहयोग से उत्तराखंड के बनियाल ढाचों को मजबूत किया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार के यूसीसी सहित अन्य निर्णय देश के लिए नजीर बन रहे हैं।

धर्मपुर से भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा कि मैं आंदोलनकारी भी रहा। इस आंदोलन के दौरान एक,’ नारा दिया था असली दोषी कौन है जो दिल्ली में मौन है।’ उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के बात से लगता है कि कांग्रेस ने राज्य का निर्माण किया। आज तमाम पक्ष चर्चा के लिए खड़े हैं। आज केवल दलीय आधार पर चर्चा हो रही है। कांग्रेस सरकार की बुनियाद खड़ा करने की जिम्मेदारी थी। पैसे की बंदरबांट कहा से हुई और थोक भाव में सरकार ने उस समय दायित्व दिया गया। उस समय के एनडी तिवारी की सरकार को कांग्रेस के लोग ही चलने नहीं दे रहे हैं। जिस कारण सरकार समय को पूरा करने के लिए वर्क कल्चर को पीछे छोड़ दिया। आज उत्तराखंड चौराहे पर खड़ा हो गया। उत्तरप्रदेश सहित हर राज्य में मूल निवास की नीति है। मूल निवास तय करना था लेकिन तत्कालीन सरकार यह काम नहीं कर पाई। राज्य को धर्मशाला समझ लाभ लिया जा रहा है। यह सवाल है। यह काम उस समय की सरकार की थी। यह चिंता का विषय है। भाजपा ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया यह हमारा एजेंडा था। सारा स्ट्रक्चर डेवलप करना यह हमारी जिम्मेदारी है।

इस दौरान विनोद चमोली और कांग्रेस के हरिद्वार जनपद के विधायको में उत्तराखंडी को लेकर बहस हुई। पीठ के निर्देश पर विधायक शांत हुए। विनोद चमोली ने कहा कि पहाड़ के दर्द की बात कह रहा हूं। कांग्रेस झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाति और ज्वालापुर विधायक ई. रवि बहादुर ने कहा कि पहाड़ नहीं उत्तराखंड के दर्द की बात की जाए। सब उत्तराखंड के है विषय को बदला नहीं जाए। विधायक उमेश कुमार ने कहा कि पहाड़ प्लेन की बात ठीक नहीं है। गैरसैंण के स्थाई राजधानी की मांग कीजिए। विनोद चमोली ने राज्य आंदोलन कारियों को स्वास्थ्य सुविधा की मांग की।

बद्रीनाथ विधायक लखपत बुटोला ने कहा कि यह राज्य किसी के अनुकम्पा पर नहीं बना है। कल कुछ लोगों को अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लेकर अनुकम्पा की बात की गई। यह राज्य आंदोलन कारियों और मातृशक्ति का अपमान है। आलोचना नहीं कर रहा हूं। राज्य निर्माण का उद्देश्य अपने संस्कृति और मिट्टी से जुड़ाव हो। लेकिन मुख्यमंत्री ऐसा थोपा गया जिनका जन्म हरियाणा में हुआ और उनका उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाउं भाषा से कोई लगाव नहीं था। गैरसैंण से शासकीय कार्य शुरू करने का प्रस्ताव की मांग की। पहाड़ के आधार पर परिसीमन को बनाया जाए। पहाड़ का अस्तित्व खत्म हो रहा है। क्षेत्रफल के आधार पर विकास और जनप्रति निधित्व हो।

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