यूूपी में ‘I Love Mohhamad के जवाब में I Love Mahadev’, सड़क पर पोस्टर लेकर उतरे साधु-संत; शंकराचार्य नरेंद्रानंद बोले- ‘अस्त्र-शस्त्र चलाना आता है’

I Love Mahadev Protest : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आई लव मोहम्मद वाले विवाद का जवाब अलग ही अंदाज में दिया जाने लगा है। इसके साथ ही विवाद में साधु-संतों की एंट्री होती दिख रही है।

बाबा भोले की नगरी काशी में आई लव मोहम्मद विवाद की एंट्री हुई तो तत्काल ही इसका जवाब भी दे दिया गया। बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे साधु-संतों ने हाथों में आई लव महादेव का पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। साथ ही, 5 से 10 लाख आई लव महादेव के पोस्टर देश भर में चिपकाने की भी घोषणा कर डाली। इसके बाद अब विवाद बढ़ने की आशंका गहराने लगी है। मामले में धर्म संघर्ष तक की चेतावनी दी जाने लगी है।

सड़कों पर उतरे साधु-संत

यूपी के कानपुर से ‘I LOVE MUHAMMAD’ विवाद की शुरुआत ईद मिलादुन्नवी के जुलूस के दौरान हुई थी। युवाओं ने ‘I LOVE MUHAMMAD’ लिखे लाइट पोस्टर लेकर जुलूस निकाला। इसके बाद इसे नई परंपरा मानते हुए कानपुर पुलिस ने केस दर्ज करा दिया। इसके खिलाफ प्रदेश के विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। आई लव मोहम्मद के पोस्टर प्रदर्शनों में लहराए जाने लगे। पुलिस मामलों को दर्ज कर रही है।

साथ ही, इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। आजाद समाज पार्टी सांसद चंद्रशेखर आजाद ‘I LOVE MUHAMMAD’ नारा लगाते दिखे हैं। हालांकि, विवाद के काशी पहुंचने के बाद माहौल बदलता दिख रहा है। इस पूरे विवाद को लेकर काशी में धर्म संघर्ष की चेतावनी दे दी गई है।

साधु-संतों ने किया ऐलान

वाराणसी में साधु-संतों ने विवाद के खिलाफ प्रदर्शन किया। वाराणसी से साधु-संतों ने आई लव महादेव का शंखनाद कर दिया। पार्क, घरों से लेकर हर जगह आई लव महादेव के पोस्टर लगाए गए हैं। प्रदर्शन के दौरान खुद जगद्गुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद साधु-संतों के बीच मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि विवाद का जवाब हमारे हाथों में है। उन्होंने कहा कि मामले में माकूल जवाब देना जरूरी हो गया था।

शंकराचार्य ने कहा कि हमारे नागा साधुओं की संख्या 5 से 10 लाख है। वे महादेव के गण हैं। करीब 5 लाख लाख नागा साधु एनसीसी से प्रशिक्षण प्राप्त हैं। वे अस्त्र-शस्त्र चला सकते हैं। विवाद को गरमाया गया तो वे भी जवाब देंगे। संत समाज ने कट्टरपंथियों को जवाब देने का फैसला लिया। सनातन सेना के माध्यम से संत समाज ने जवाब देने का रास्ता तय किया है।

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