रोड एक्सीडेंट पर लगेगा ब्रेक… चिन्हित हुए ब्लैक एंड हॉट स्पॉट

उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले में बढ़ती रोड एक्सीडेंट को रोकने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। यातायात विभाग और कार्यदायी संस्थाएं मिलकर ब्लैक स्पॉट और हॉट स्पॉट को सुरक्षित बनाने की योजना पर काम कर रही हैं। इन खतरनाक इलाकों में डेलीनेटर और संकेतक लगाए जाएंगे, ताकि सड़क हादसों में कमी लाई जा सके।

ग्रामीण इलाकों में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या शहरों की तुलना में काफी अधिक है, क्योंकि हाईवे से जुड़े लिंक मार्गों पर वाहनों की तेज़ रफ्तार हादसों का बड़ा कारण बन रही है। वहीं, शहर में दुर्घटनाओं की संख्या अपेक्षाकृत कम है।

तेज़ रफ्तार वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हाईवे से जुड़े लिंक मार्गों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। अक्सर गांव के लिंक मार्गों से अचानक हाईवे पर तेज़ रफ्तार वाहन आ जाते हैं, जिससे हादसे हो जाते हैं। इन लिंक मार्गों पर अवरोधक और संकेतक लगाए जाएंगे।

यातायात प्रभारी विपिन कुमार पांडेय ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ब्लैक स्पॉट और हॉट स्पॉट की पहचान कर ली गई है। कई स्थानों पर काम शुरू हो गया है और जल्द ही सभी चिह्नित क्षेत्रों में डेलीनेटर और संकेतक लगाए जाएंगे। इन उपायों से सड़क हादसों को रोकने में मदद मिलेगी।

ब्लैक स्पॉट और हॉट स्पॉट की पहचान

यातायात विभाग ने जिले में 15 ब्लैक स्पॉट और 26 हॉट स्पॉट की पहचान की है। इनमें नरायनपुर, अदलहाट, हलिया, ड्रमंडगंज, भैसोड़ बलाय पहाड़, अहरौरा हनुमान घाटी, बड़का घुमान मोड़, चील्ह के पुरजागिर, तिलठीं, विध्याचल, जिगना, कटका, मड़िहान, राजगढ़ जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

इन इलाकों में अक्सर छुटपुट दुर्घटनाएं होती रहती हैं, जिनमें कई लोग घायल हो जाते हैं। यातायात विभाग ने इन खतरनाक स्थानों पर डेलीनेटर और अन्य संकेतक लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

जनहित में एक महत्वपूर्ण कदम

यह पहल सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और दुर्घटनाओं से बचाव के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जल्द ही इन उपायों का असर दिखने की उम्मीद है, जिससे न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि लोगों की जान भी बचाई जा सकेगी।

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