Uttar Pradesh : खूब पीओ और पिलाओ शराब, राज्य को बनाओ वन ट्रिलियन इकोनॉमी, आबकारी की होगी बड़ी भूमिका

लखनऊ । वैसे तो शराब पीना और पिलाना दोनों ही सामाजिक तौर पर अच्छा नहीं माना जाता लेकिन कभी-कभी तरक्की के लिए कुछ कदम उठाने ही पड़ते हैं। देश या राज्य हित की बात हो तो नैतिक मामलों में उलझने से भी परहेज किया जा सकता है। प्रदेश सरकार ने आर्थिक विकास के लिए पूरा जोर लगा दिया है। इस बार 20 फीसदी से ज्यादा राजस्व वृद्धि करने का लक्ष्य दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने में आबकारी विभाग का महत्पूर्ण योगदान होगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 63 हजार करोड़ रुपये आबकारी राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसको हर हाल में प्राप्त किया जाना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राजस्व प्राप्ति में केवल 20 प्रतिशत वार्षिक अभिवृद्धि करनी होगी, जबकि वर्तमान में लगभग 12 प्रतिशत वार्षिक की वृद्धि से राजस्व अर्जित किया जा रहा है।

आबकारी मंत्री ने यह निर्देश आज यहां आबकारी आयुक्त कैम्प कार्यालय में आयोजित विभागीय कार्यों की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 में कुल 45,570.47 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियां हुई थीं, जो वर्ष 2022-23 में प्राप्तियों 41,252.24 करोड़ रुपये के सापेक्ष 4,318.23 करोड़ रुपये अधिक है। इस प्रकार आबकारी राजस्व में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह फरवरी, 2025 तक कुल 42828.57 करोड़ रुपये की प्राप्तियां हुई हैं,जो वर्ष 2023-24 की आलोच्य अवधि में प्राप्तियों 41224.16 करोड़ रुपये के सापेक्ष 1604.41 करोड़ अधिक है। उन्होंने राजस्व अर्जित करने में टॉप-10 जनपदों की सराहना की और न्यूनतम रहने वाले टॉप-10 जनपदों को राजस्व बढ़ाने के सख्त निर्देश भी दिये।

आबकारी मंत्री ने कहा कि आबकारी नीति में आंशिक संशोधन के उपरान्त राजस्व पर अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है। प्रथम चरण की ई-लॉटरी सम्पन्न हो चुकी है, जिसमें देशी मदिरा की 15906 दुकानों, 9341 कम्पोजिट शॉप्स, भांग की 1323 दुकानों तथा 430 मॉडल शॉप्स का व्यवस्थापना सम्पन्न हुआ है। इस प्रकार प्रथम चरण की लाटरी में कुल दुकानों के सापेक्ष 98.90 प्रतिशत दुकानों का व्यवस्थापन हुआ है। इस सफलता के लिए उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की प्रसंशा भी की। उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति के तहत अगले वित्तीय वर्ष के लिए लगभग 40 प्रतिशत नये अनुज्ञापी आये है। इन सभी के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक जानकारियां प्रदान की जाये, ताकि उनको व्यवसाय करने में कोई असुविधा का सामना न करना पड़े।

आबकारी मंत्री ने अवैध मदिरा की रोकथाम के लिए की जा रही प्रवर्तन कार्रवाई की समीक्षा करते हुए कहा कि इसमें और अधिक सक्रियता की आवश्यकता है। इसके लिए प्रदेश को दो भागों में बांटकर दो अलग-अलग अधिकारियों को इसके पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी जाये और वे फील्ड में जाकर अपनी देख-रेख में प्रवर्तन की कार्रवाई करायेंगे। इसके अतिक्ति सभी फील्ड आफीसर प्रत्येक 15 दिन के अंदर प्रवर्तन से संबंधित कार्रवाई की रिपोर्ट शासन को उपलब्घ करायेंगे।

उन्होंने कहा कि बार्डर जिलों से एक भी बोतल अवैध मदिरा प्रदेश में नहीं आनी चाहिए। इसके लिए चेक पोस्ट को 24 घंटे क्रियाशील रखा जाये और बिहार राज्य से जुड़े जनपदों पर खास निगरानी रखी जाये। बैठक में प्रमुख सचिव, आबकारी वीना कुमारी, विशेष सचिव, ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी, आयुक्त डा. आदर्श सिंह सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे एवं जनपद के अधिकारी ऑनलाइन जुड़े रहे।

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