मरने से पहले करा देते थे बीमा, फर्जी पॉलिसी से लाखों हड़पने वाले गिरोह का पर्दाफाश

संभल। रजपुरा पुलिस ने एक ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसके सदस्य मृत या बीमार व्यक्ति का जीवन बीमा पॉलिसी करके फर्जी तरीके से क्लेम लेने का काम करते हैं, और साथ ही लाखों की ठगी करते हैं। जिसमें फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र और फर्जी बैंक खाते का प्रयोग होता है, इसके अलावा, गांव-गांव में बीमार और मृत व्यक्तियों के नॉमिनी को तलाशने के लिए एक नेटवर्क भी खड़ा कर लेते हैं, जिनके जरिए बीमा कंपनी से मिलने वाली क्लेम की धनराशि को हड़पा जाता है।

जिस नॉमिनी को माध्यम बनाया जाता है, उसे आंशिक या पहले से तय की गई धनराशि का भुगतान करते हैं। पुलिस ने इससे जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि इनसे पूछताछ में चिह्नित किए गए 12 सदस्य अभी भी फरार हैं।

यह है पूरा मामला –

बहजोई स्थित कार्यालय पर एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि 17 जनवरी की रात्रि को एएसपी दक्षिणी अनुकृति शर्मा ने रजपुरा पुलिस के माध्यम से काले रंग की एक स्कॉर्पियो को रोका था, जिसमें 11.45 रुपये का कैश मिला था, कार में बैठे दो युवक इस कैश के बारे में सही से जानकारी नहीं दे सके थे, जिनसे 19 डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड भी बरामद किए गए थे, जो कि अन्य लोगों के नाम पर जारी थे।

पूछताछ में एक ने अपना नाम ओंकारेश्वर मिश्रा निवासी फुलवरिया थाना कैंट जनपद वाराणसी और दूसरे ने अपना नाम अमित निवासी मस्जिद मोहल्ला बबराला थाना गुन्नौर व वर्तमान पता अलीपुर चौपाल थाना गजरौला जनपद अमरोहा बताया। दोनों युवक बबराला से गजरौला जा रहे थे, जिनके मोबाइल में डाटा देखा गया तो पता लगा कि दोनों युवक एक बीमा कंपनी के लिए काम करते हैं और आसपास के लोगों से उनका नेटवर्क बना हुआ है।

पुलिस पूछताछ में सामने आए 12 लोगों के नाम –

पूछताछ में बताया कि बीमा कंपनी से क्लेम दिलवाने का काम करते हैं, जिसमें उन्हें बचत होती है तो आपस बांट लेते हैं। इस धांधली में काफी लोग जुड़े हुए हैं। ओंकारेश्वर एक कंपनी में इन्वेस्टिगेटर कर्मचारी है जो जीवन बीमा करने वाले लाभार्थियों का शारीरिक सत्यापन करता है। दूसरा व्यक्ति उनके साथ रहकर बीमा करने का काम करता है। पुलिस ने पूछताछ में इससे जुड़े 12 लोगों के नामों को चिह्नित किया है, जिसमें पांच लोग बबराला के दो रजपुरा के, एक अमरोहा के धनोरा का, एक गुन्नौर का भी बताया जा रहा है। सभी लोग फरार हैं।

एसपी ने बताया कि उन सभी बीमा कंपनियों को पत्र लिखा जा रहा है, जिनकी लाभार्थियों को इस गिरोह के माध्यम से चिह्नित किया जाएगा, जिससे कि वह जांच कराएं और कार्रवाई करें। इस कार्य के लिए पुलिस की टीम को 25 हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया गया है।

कुछ इस प्रकार फर्जीवाड़े को अंजाम देता है गिरोह –

गिरोह के सदस्य ग्रामीण क्षेत्रों में अपने नेटवर्क के माध्यम से ऐसे मृत या बीमार व्यक्तियों की तलाश करते हैं, जिनके नाम पर बीमा की पॉलिसी खरीदी जा सके, जिसमें सुनियोजित तरीके से निर्धन लोगों को माध्यम बनाया जाता है और जीवन बीमा कंपनी निजी कंपनी, एसबीआई, बजाज एलायंस, मेटलाइफ पीएनबी आदि से बीमा कराया जाता है।

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