अमेरिकी फेड ने तीसरी बार ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव : 4.25-4.5% पर ही बरकरार

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार, 7 मई 2025 को बाजार की उम्मीदों के अनुरूप अपनी मुख्य ब्याज दरों को तीसरी बार लगातार अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। अब संघीय निधि दर (Federal Funds Rate) की सीमा 4.25% से 4.50% के बीच ही बनी रहेगी।

फेड की मौद्रिक नीति समिति (FOMC) की यह बैठक ऐसे समय में हुई जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दरों में कटौती का दबाव बना रहे थे और साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टैरिफ वॉर (शुल्क युद्ध) जैसे मुद्दे भी सामने हैं।

आर्थिक परिदृश्य पर फेड की टिप्पणी

फेडरल रिजर्व ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था कुल मिलाकर “ठोस गति” से विस्तार कर रही है, हालांकि जनवरी से मार्च 2025 की पहली तिमाही में GDP में 0.3% की गिरावट दर्ज की गई, जो पिछले तीन वर्षों में सबसे धीमा प्रदर्शन है।

2024 की तुलना में कमजोर ग्रोथ

  • Q4 2024 में GDP वृद्धि 2.4% थी, जबकि Q1 2025 में यह घटकर 0.3% रह गई।
  • फेड के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से रिकॉर्ड स्तर के आयात और आयात करों से जुड़ी है, जिन्हें व्यवसाय और उपभोक्ता जल्दबाजी में लागू कर रहे हैं।

बेरोजगारी और महंगाई की स्थिति

  • हाल के महीनों में बेरोजगारी दर में कोई खास बदलाव नहीं आया है और यह कम स्तर पर स्थिर बनी हुई है।
  • श्रम बाजार को लेकर फेड ने भरोसा जताया है कि वह मजबूत स्थिति में है।
  • हालांकि, महंगाई दर अब भी अपेक्षाकृत ऊंची बनी हुई है, जो कि नीति निर्धारकों की चिंता का विषय है।

नीतिगत रुख: स्थिरता बनाए रखते हुए सतर्कता

फेड की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि वह डाटा-ड्रिवन एप्रोच अपनाते हुए आगे की नीति तय करेगा। आर्थिक संकेतकों जैसे रोजगार, महंगाई, उपभोक्ता खर्च और वैश्विक जोखिमों को ध्यान में रखकर ही भविष्य में ब्याज दरों में बदलाव किया जाएगा।

विश्लेषण: फेड का संतुलित दृष्टिकोण

  • फेड का यह फैसला बताता है कि वह न तो बहुत आक्रामक रूप से दरें बढ़ा रहा है, और न ही राजनीतिक दबाव में आकर दरों को घटा रहा है।
  • इससे निवेशकों और बाजारों को यह संकेत मिलता है कि फेड वित्तीय स्थिरता और मुद्रास्फीति नियंत्रण – दोनों पर संतुलन बनाए रखने के पक्ष में है।

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निवेशकों के लिए संकेत

  1. ब्याज दरें स्थिर रहने से लोन की लागत में कोई बदलाव नहीं होगा।
  2. शेयर बाजारों को राहत मिल सकती है, क्योंकि दरों में कटौती की उम्मीद को फेड ने फिलहाल टाल दिया है।
  3. सोने और डॉलर जैसे सेफ हेवन एसेट्स पर नजर बनाए रखना जरूरी है।

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