मोंठ गल्ला मंडी में हंगामा : सरकारी डाक न लगने पर भड़के किसान, व्यापारी बोले- ‘सचिव कह रहे हैं व्यापारियों को पकड़ के लाओ’

मोंठ। गल्ला मंडी में शनिवार को उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब किसान सरकारी दर पर खरीद न होने से नाराज़ होकर एकजुट हो गए। किसानों का आरोप है कि मंडी में सरकारी डाक शुरू नहीं की जा रही, जबकि व्यापारी निजी खरीद कर रहे हैं। इससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल रहा।

किसानों के मुताबिक, वह सुबह से अपनी उपज लेकर मंडी पहुंचे थे, लेकिन सरकारी खरीद की व्यवस्था न होने के कारण उनका गेहूं और धान लंबे समय तक बिना तौलाई पड़े रहा। इसी बीच एक व्यापारी का वीडियो सामने आया जिसमें वह कहता हुआ सुनाई दे रहा है- “सचिव साहब कह रहे हैं पकड़ के लाओ, सब व्यापारियों को पकड़ के लाओ।” यह बयान किसानों में आग की तरह फैल गया।

बयान से भड़के किसान, बढ़ा तनाव

व्यापारी की यह टिप्पणी किसानों को बेहद आपत्तिजनक लगी। देखते ही देखते किसानों ने विरोध शुरू कर दिया और मंडी परिसर में नारेबाज़ी होने लगी। कुछ किसान गुस्से में व्यापारियों की दुकानों की ओर बढ़े और कथित तौर पर दो-तीन व्यापारियों को पकड़कर खींचते हुए बाहर लाए। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई।

हालात बिगड़ते देख मंडी कर्मचारियों ने बीच-बचाव की कोशिश की। मंडी समिति के कार्मिकों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया कि सरकारी खरीद की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। लेकिन किसान सचिव पर लापरवाही और व्यापारियों से मिलीभगत का आरोप लगाते रहे।

किसानों ने लगाया बड़ा आरोप

किसानों का कहना है कि मंडी में कई दिनों से सरकारी खरीद बंद है। निजी व्यापारी कम दामों पर उपज उठाने का दबाव बना रहे हैं। सरकारी खरीद शुरू न होने से उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है।किसानों ने चेतावनी दी कि यदि सरकारी डाक तुरंत न लगाई गई तो वह मंडी गेट पर धरना देने को मजबूर होंगे।

व्यापारियों की सफाई

उधर, व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने किसी किसान के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया। कुछ व्यापारियों का कहना था कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर फैलाया गया, जिससे तनाव बढ़ा। उनका कहना था कि सचिव के निर्देशों को लेकर गलतफहमी पैदा हुई।

प्रशासन की सक्रियता

हंगामे की सूचना पर पुलिस और मंडी अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने दोनों पक्षों से बातचीत की और वातावरण शांत कराया। मंडी प्रशासन का कहना है कि सरकारी खरीद शुरू करने को लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है और जल्द ही किसान समर्थन मूल्य पर उपज बेच सकेंगे।

फिलहाल स्थिति शांत, पर नाराज़गी कायम

हालांकि मंडी में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन किसानों की नाराज़गी कम नहीं हुई है। उनका कहना है कि जब तक सरकारी खरीद सुचारू रूप से शुरू नहीं होती, तब तक विरोध जारी रहेगा।

मंडी में हुए हंगामे ने एक बार फिर सरकारी खरीद व्यवस्था की खामियों और किसानों की परेशानियों को उजागर कर दिया है।

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