यूपी : माध्यमिक स्कूलों में शुरू होगा जल साक्षरता मिशन, गंगा स्वच्छता पर देंगे विशेष ध्यान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अब माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई के साथ छात्रों को राष्ट्रबोध और नैतिक दायित्व से जोड़ने की पहल कर रही है। इस दिशा में छात्रों को जल साक्षर बनाया जाएगा, ताकि वे न केवल शिक्षा में उत्कृष्ट बनें, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति भी सजग नागरिक बनें।

गंगा की स्वच्छता को बनाया गया केंद्रबिंदु
शिक्षा विभाग द्वारा जारी एकेडमिक कैलेंडर में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान को प्रमुखता दी गई है। इसके तहत गंगा नदी की अविरलता और निर्मलता से जुड़े अभियान को भी छात्रों की पढ़ाई का हिस्सा बनाया गया है। छात्रों को गंगा की स्वच्छता और सतत प्रवाह के महत्व से अवगत कराया जाएगा।

शिक्षा के साथ जागरूकता का मेल
विद्यालयों में सांस्कृतिक, साहित्यिक और खेलकूद से जुड़ी गतिविधियों के साथ-साथ अब जल संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा और ऐतिहासिक-भौगोलिक विरासत की जानकारी भी दी जाएगी। स्कूल स्तर पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दिवसों तथा सप्ताहों से संबंधित जागरूकता गतिविधियों को अनिवार्य रूप से करवाने के निर्देश दिए गए हैं।

फील्ड वर्क से होगी व्यावहारिक समझ
छात्रों को समूहों में बाँटकर उन्हें फील्ड वर्क से जोड़ा जाएगा। उदाहरण के तौर पर किसी नदी, तालाब या जलाशय के पास ले जाकर उन्हें रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा जाएगा। साथ ही, गांवों और कस्बों का दौरा करवाकर उन्हें वहां के जल प्रबंधन और संरक्षण की स्थानीय तकनीकों की जानकारी दी जाएगी।

यह पहल न सिर्फ छात्रों को अकादमिक रूप से समृद्ध बनाएगी, बल्कि उन्हें प्रकृति और राष्ट्र के प्रति भी ज़िम्मेदार बनाएगी। जल साक्षरता के माध्यम से भावी पीढ़ी को हरित सोच और सकारात्मक व्यवहार की ओर प्रेरित करने की दिशा में यह एक सार्थक कदम माना जा रहा है।

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