
- प्रत्येक स्वीकृत मार्केट रिसर्च स्टडी के लिए मिलेगी अधिकतम 10 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता : जयवीर सिंह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र में मार्केट रिसर्च स्टडी (बाजार अनुसंधान अध्ययन) के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। यह पहल उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य राज्य में पर्यटन सेक्टर के विकास, निवेश प्रोत्साहन और रोजगार सृजन को गति देना है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि अनुसंधान का विषय उद्योग की प्रासंगिकता और आवश्यकता के अनुसार निर्धारित की जाएगी। यह अध्ययन प्रदेश में यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र की वर्तमान प्रवृत्तियों, संभावनाओं एवं चुनौतियों पर केंद्रित होगा, ताकि नीतिगत निर्णयों के लिए सटीक और उपयोगी सुझाव प्राप्त किए जा सकें। इस योजना के तहत राज्य सरकार अकादमिक संस्थानों, शोधकर्ताओं एवं विशेषज्ञ संगठनों को पर्यटन से संबंधित अनुसंधान कार्यों के लिए सहयोग प्रदान करेगी। पर्यटन विभाग का मानना है, कि इस तरह के अध्ययन न केवल प्रदेश के पर्यटन ढांचे को सुदृढ़ करेंगे, बल्कि वैश्विक पर्यटन मानकों के अनुरूप विकास की दिशा भी तय करेंगे। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार, मान्यता प्राप्त ट्रैवल एसोसिएशन, चौंबर ऑफ कॉमर्स, अन्य ट्रैवल एवं हॉस्पिटैलिटी संस्थान, प्रतिष्ठित और पंजीकृत एनजीओ (जैसे- वाइल्डलाइफ, हेरिटेज कंजरवेशन, क्राफ्ट या पर्यावरण संरक्षण से जुड़े एनजीओ) सहित मैनेजमेंट संस्थान एवं विश्वविद्यालय इस पहल के तहत आवेदन कर सकते हैं।
इच्छुक संस्थाएं उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकती हैं। विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार यह पोर्टल आगामी 15 नवम्बर 2025 तक खुला रहेगा। इस अवधि के भीतर इच्छुक इकाइयां निर्धारित प्रारूप में अपने प्रस्ताव जमा कर सकती हैं। इसके अंतर्गत, प्रत्येक स्वीकृत मार्केट रिसर्च स्टडी के लिए अधिकतम 10 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 के तहत यह पहल प्रदेश में पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र के विकास को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि पर्यटन उद्योग में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ें, साथ ही नीतिगत निर्णयों के लिए सटीक और व्यावहारिक आकड़े मिलें। इस माध्यम से हम अकादमिक संस्थानों, शोधकर्ताओं और विशेषज्ञ संगठनों को समर्थन प्रदान करेंगे, ताकि प्रदेश के पर्यटन ढांचे को मजबूत किया जा सके और वैश्विक पर्यटन मानकों के अनुरूप विकास सुनिश्चित हो।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा आरंभ की गई यह पहल राज्य में पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र के सतत विकास की दिशा में एक सशक्त कदम है। मार्केट रिसर्च स्टडी से हमें जमीनी स्तर पर वास्तविक संभावनाओं की स्पष्ट समझ मिलेगी, जो प्रदेश के पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र को और सुदृढ़ करने में मदद करेगा।










