लखनऊ : यूपी में बीमार पशुओं को इलाज के अभाव में अब जान नहीं गंवानी पड़ेगी. साथ ही पशुपालकों को झोलाछाप डॉक्टरों के चुंगल से मुक्ति मिलेगी. इसके लिए राज्य सरकार एंबुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है. जिसके तहत पशुपालकों को टोल फ्री नंबर पर कॉल करना होगा. कॉल पहुंचते ही एंबुलेंस घर पर पहुंचेगी. जिसमें मौजूद डॉक्टर व अन्य स्टाफ पशुओं को फ्री इलाज उपलब्ध कराएंगे.
100 दिन में मिलेगी 520 एम्बुलेंस को हरी झंडी
पशुपालन विभाग के निदेशक इंद्रमणि के मुताबिक पशुओं के इलाज के लिए शुरू की जा रही एंबुलेंस को मोबाइल वेटनरी यूनिट नाम दिया गया है. सरकार 100 दिन के अंदर 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट को हरी झंडी दे देगी. इसमें पशुओं की वैक्सीनेशन, ट्रीटमेंट और माइनर सर्जरी की सुविधा होगी और महत्वपूर्ण बात ये है कि ये सुविधा पूरी तरह से फ्री होगी. जिसके लिए 1962 टोल फ्री नंबर तय किया गया है.
1 पशुओं पर 1 एम्बुलेंस
डॉ. इंद्रमणि के मुताबिक राज्य में 5 करोड़ 20 लाख 36 हजार 426 गोवंश हैं. यह पशु गणना 2020 के अनुसार तय की गई है. ऐसे में राज्य में 1 लाख पशुओं पर एक एंबुलेंस मुहैया कराई जाएगी. चीफ वेटनरी ऑफिसर इस एंबुलेंस की लोकेशन तय करेंगें. इससे कॉल सेंटर में फोन आते ही एंबुलेंस पशुपालक के घर रवाना कर दी जाएगी. मौके पर एंबुलेंस में मौजूद डॉक्टर इलाज उपलब्ध कराएंगे.
संविदा पर तैनात होगा स्टॉफ
डॉ. इंद्रमणि के मुताबिक एंबुलेंस में एक डॉक्टर, एक पैरामेडिकल कर्मी और एक ड्राइवर की तैनाती की जाएगी. यह संविदा पर होंगे. डॉक्टर को करीब 52,000, पैरामेडिकल स्टॉफ को 20,000 व ड्राइवर को 18000 रुपये मानदेय प्रतिमाह दिया जाएगा. इसके लिए एक प्राइवेट एजेंसी का चयन भी किया गया है. यह एजेंसी कॉल सेंटर का भी संचालन करेगी. वहीं एंबुलेंस में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है. इससे पशुपालन विभाग भी उसकी लोकेशन की मॉनिटरिंग करेगी.