
उत्तर प्रदेश के 750 से अधिक सरकारी और निजी इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और फार्मेसी कॉलेजों में अब छात्रों को केवल तकनीकी शिक्षा ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं से भी जुड़ने का मौका मिलेगा। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) के तहत नए शैक्षणिक सत्र से माइनर और इलेक्टिव कोर्सेस की शुरुआत करने का फैसला किया है।
बदल रहा है कोर्स का स्वरूप – अब छात्र पढ़ेंगे ये विषय
अब B.Tech, मैनेजमेंट और फार्मेसी के छात्र अपनी रुचियों के अनुसार वैकल्पिक विषय चुन सकेंगे, जिनमें शामिल हैं:
- वैदिक गणित
- भारतीय ज्ञान प्रणाली
- वसुधैव कुटुंबकम और दर्शन
- खगोल विज्ञान और ज्योतिष
- भारतीय संगीत और संस्कृति
- महिला स्वास्थ्य
- वेलनेस और साइकोलॉजी
- संस्कृत, टाउन प्लानिंग व ऑर्किटेक्चर
इन विषयों के जरिए छात्रों को न केवल तकनीकी ज्ञान मिलेगा, बल्कि उनका व्यक्तित्व विकास और सांस्कृतिक जुड़ाव भी होगा।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की होगी स्थापना
AKTU ने इन कोर्सेस के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) शुरू करने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग (FOAP) से होगी। इसके लिए 50 लाख रुपये का बजट स्वीकृत हो चुका है।
- FOAP से शुरू होकर यह मॉडल अन्य घटक संस्थानों तक फैलेगा।
- छात्र ऑनलाइन मोड में भी इन कोर्सेस का लाभ ले सकेंगे।
- राजभवन की पहल पर महिला स्वास्थ्य को भी माइनर कोर्स के रूप में शामिल किया गया है।
इंडस्ट्री लिंक और अंतरिक्ष विज्ञान में भी माइनर कोर्स
AKTU प्रशासन ने उद्योगों की ज़रूरतों को देखते हुए प्रमुख औद्योगिक संस्थानों के सहयोग से दर्जनों नए माइनर कोर्सेस की योजना भी तैयार की है। साथ ही, AICTE द्वारा सुझाए गए मॉडल करिकुलम के अंतर्गत अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science) में भी माइनर कोर्स शुरू किया जाएगा।
प्रो. जेपी पांडेय, कुलपति AKTU के अनुसार:
“AICTE ने वैल्यू एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए मॉडल पाठ्यक्रम तैयार किए हैं। इन्हीं के आधार पर अंतरिक्ष विज्ञान समेत कई नए कोर्सेस की शुरुआत की जा रही है, जिससे छात्रों के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।”
छात्रों को मिलेगा अपनी जड़ों से जुड़ने का मौका
AKTU द्वारा शुरू किए जा रहे ये पाठ्यक्रम केवल ज्ञान ही नहीं देंगे, बल्कि छात्रों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, दार्शनिक और वैज्ञानिक परंपराओं से भी जोड़ेंगे।
कुलपति प्रो. पांडेय ने कहा –
“भारतीय ज्ञान प्रणाली में दर्शन, विज्ञान, कला, चिकित्सा और गणित जैसे कई क्षेत्रों का समावेश है। NEP 2020 का उद्देश्य छात्रों को उनकी जड़ों से जोड़ना है, और इसी दिशा में ये कोर्स अहम भूमिका निभाएंगे।”