
उत्तर प्रदेश का मिशन रोजगार युवाओं के लिए नए अवसर प्रदान कर रहा है, जो कौशल विकास, भाषा प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय नौकरियों के जरिए 36 लाख से अधिक युवाओं को उज्जवल भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन करेगा। यह मिशन प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने और उन्हें बेहतर भविष्य देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
मिशन रोजगार के तहत सरकार विभिन्न विभागों के सहयोग से युवाओं को कौशल विकास, भाषाई प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय रोजगार के अवसर प्रदान करेगी। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य है प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करना और उन्हें वैश्विक स्तर पर काम करने के अवसर उपलब्ध कराना।
उत्तर प्रदेश में इस मिशन के लिए श्रम एवं सेवायोजन विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है और शासन को भेजने की योजना है। इस मिशन को सफल बनाने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ प्रमुख सचिव और जिलाधिकारियों को भी समिति में शामिल किया जाएगा। इस मिशन का नोडल विभाग श्रम एवं सेवायोजन विभाग होगा।
पिछले वर्ष इजरायल में युद्ध के कारण क्षतिग्रस्त इमारतों के पुनर्निर्माण के लिए 5,600 युवाओं को इजरायल भेजा गया था। इसके बाद, श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने अन्य देशों में रोजगार के अवसरों की तलाश शुरू कर दी है, जैसे जर्मनी, जापान, क्रोएशिया, यूएई आदि। इन देशों में विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों पर ध्यान दिया जा रहा है।
युवाओं को भाषाओं के प्रति जागरूक करने के लिए टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस (टीसीएस) के साथ साझेदारी की गई है। टीसीएस के माध्यम से पंजीकृत युवाओं को 3,000 से अधिक कंपनियों में रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके अतिरिक्त, उन्हें अंग्रेजी और जिस देश में वे कार्य करने जा रहे हैं, उसकी भाषा का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
इस मिशन के तहत, सुरक्षा, तकनीकी, निर्माण, आईटी और नर्सिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। वर्तमान में, 36 लाख से अधिक युवा रोजगार के लिए पंजीकृत हैं। श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है और सरकार युवाओं को विभिन्न देशों में भेजने के लिए हर संभव सहयोग देने का प्रयास कर रही है।
इस मिशन के माध्यम से उत्तर प्रदेश के युवाओं को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे वे अपने सपनों को साकार कर सकेंगे और एक सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकेंगे।