
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने वायु प्रदूषण और AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) को लेकर सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर फैलाए जा रहे गलत और भ्रामक आंकड़ों के संबंध में स्थिति स्पष्ट की है। सरकार ने कहा है कि वर्तमान में शहर का AQI 174 है, जो हवा की मध्यम गुणवत्ता को दर्शाता है।
सरकार ने यह भी बताया कि अधिकांश निजी ऐप्स और प्लेटफार्म जो AQI का आंकड़ा प्रस्तुत कर रहे हैं, वे गलत तरीके से जानकारी फैला रहे हैं। इन आंकड़ों को विदेशी मानकों जैसे US-EPA के आधार पर लिया गया है, जबकि भारत में राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (NAQI) का पालन किया जाता है। दोनों मानकों में मापदंड और तरीके अलग हैं।
सरकार ने यह भी कहा कि सरकारी वायु गुणवत्ता मापन केंद्र जैसे लालबाग, तालकटोरा, अलीगंज आदि पर प्रमाणित और कैलिब्रेटेड उपकरणों का प्रयोग होता है, जो विश्वसनीय और वैज्ञानिक आधार पर आंकड़े प्रदान करते हैं। वहीं, निजी संस्थाएं अक्सर सैटेलाइट डेटा या अनकैलिब्रेटेड सेंसर का उपयोग करती हैं, जिनमें त्रुटि की संभावना अधिक होती है।
सीपीसीबी का डेटा ही है विश्वसनीय
सरकारी एजेंसी सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) द्वारा जारी AQI आंकड़े 24 घंटे के औसत पर आधारित होते हैं, जो शहर की वास्तविक वायु गुणवत्ता का सही प्रतिबिंब प्रस्तुत करते हैं। इसके विपरीत, कई निजी ऐप्स स्थानीय धूल और कणों का आंकड़ा दिखाते हैं, जो किसी विशिष्ट चौराहे या ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति का परिणाम हो सकते हैं, पूरे शहर की वायु गुणवत्ता का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
तकनीक और मानकों में अंतर का असर
सरकार ने कहा कि निजी ऐप्स पर दिखाए जाने वाले आंकड़े अक्सर भ्रामक होते हैं क्योंकि वे विदेशी मानकों पर आधारित होते हैं, जो भारत की भौगोलिक, मौसमी और पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुरूप नहीं हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकांश निजी ऐप धूल और धुएं का फर्क नहीं कर पाते, जबकि भारत में धूल की मात्रा स्वाभाविक रूप से अधिक होती है। इससे AQI का आंकड़ा अधिक दिखाया जाता है, जिससे जनता में अनावश्यक डर फैलता है।
एक ही शहर में अलग-अलग आंकड़े
सरकार ने यह भी बताया कि कई निजी ऐप्स शहर के विभिन्न इलाकों के लिए अलग-अलग AQI दिखाते हैं, जो कि विश्वसनीय नहीं हैं और न ही आधिकारिक स्रोतों से सत्यापित होते हैं। इससे भ्रम और चिंता बढ़ती है।
सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे केवल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सरकारी स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर भरोसा करें। लखनऊ की वायु गुणवत्ता वर्तमान में मध्यम श्रेणी में है और स्थिति नियंत्रण में है। घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
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