
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर प्रेसवार्ता की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह से विफल हो चुकी है। न ही युवाओं को रोजगार दे पा रही है, न ही किसानों को खाद दे पा रही है, न लोगों को बीमारी से बचा पा रही है और न ही महिलाओं को सुरक्षा दे पा रही है। एक मुख्यमंत्री जी हैं जो आत्ममुग्धता से बाहर नहीं आ पा रहे हैं एवं उनका प्रशासन है जो ध्वस्त है और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा हुआ है। एक तरफ जहां गरीब अव्यवस्था के कारण अपने प्राण गवां रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार आंकड़ों की बाजीगरी कर झूठी तस्वीरें दिखाकर ईनाम हासिल कर रही है।
उन्होंने कहा कि संवेदनहीनता यह है कि सरकार मौतों के आकड़ों को छुपा रही है। जानकीपुरम सेक्टर-7 निवासी राजेश कौशल जो फेरी करके अपने परिवार का पालन करते थे उनकी मौत डायरिया से हुई जिसका मुख्य कारण प्रदूषित सीवर युक्त पानी है, परंतु सरकार की तरफ से कारण कुछ और बताया जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूरे देश में सफाई के मामले में लखनऊ का तीसरा स्थान है। प्रदेश की राजधानी है और तो और देश के रक्षा मंत्री का संसदीय क्षेत्र भी है। लेकिन बहुत ही अफसोस की बात है कि यहां के निवासी गंदगी से अपने प्राण गवां रहे हैं। राजेश कौशल जो अपने परिवार में अकेले कमाने वाले व्यक्ति थे उनके परिजनों का हाल लेने कोई भी भाजपा नेता नहीं पहुंचा।
इस दौरान उन्होंने स्व. राजेश कौशल के घर के बाहर नाले की तस्वीरें भी दिखाई, जिनमें दूषित पानी बह रहा है। उसी नाले के पास से पीने के पानी की पाइप भी लोगों के घरों में जा रही हैं जो कई जगहों से लीक हैं।
प्रेसवार्ता को दौरान एक और महत्वपूर्ण मुद्दे पर मीडिया बंधुओं का ध्यान आकर्षित कराते हुए अजय राय ने कहा कि राज्य सरकार रोजगार देने में असफल है खासतौर पर युवा बेरोजगार और निराश हैं। सरकार अपनी कमियों को छिपाने के लिए तथाकथित कुंभ रोजगार जैसे झूठे आयोजन कर रही हैं, जहां युवाओं को सिर्फ छला जा रहा है।
अव्यवस्था और संवेदनहीनता से भरे इस कुंभ में बच्चों, युवाओं के सीवी और डिग्रियां कूड़े के ढेर में मिल रही हैं। घोर अव्यवस्था का शिकार इस आयोजन में दूर-दूर से आए युवाओं को यह तक नहीं पता कि उनका क्या होगा? उधर मुख्यमंत्री जी हैं जो अपने भाषण में सिर्फ जुमला बांट रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर मानेटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के मुताबिक 20 से 24 वर्ष के युवाओं के बीच श्रम बल भागीदीर दर लगातार गिर रहा है। यह एक बहुत ही निराशाजनक ट्रेंड है इसका मतलब यह है कि युवा इतने निराश हो गए हैं बेरोजागारी से कि अब उन्होंने रोजगार मांगना छोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश में युवाओं के बीच बेरोजगारी बढ़ती जा रही यह बात आईएलओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है।