UP BJP State President : जल्द भाजपा को मिल जाएगा नया प्रदेश अध्यक्ष

भारतीय जनता पार्टी ने अपने 98 सांगठनिक जिलों में से 70 जिला इकाइयों के अध्यक्षों की घोषणा कर दी है, जिसके बाद अब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी इस महीने के अंत तक उत्तर प्रदेश को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाने की संभावना है। इसके लिए कई नेता पहले से ही अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं, और अब जिलाध्यक्षों की घोषणा के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला और तेज हो गया है।

प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू

भा.ज.पा. के संविधान में यह प्रावधान है कि किसी भी प्रदेश में अध्यक्ष के चुनाव के लिए कम से कम 50 प्रतिशत जिलों में अध्यक्षों का चुनाव संपन्न होना चाहिए। यूपी में इस मानक को पार्टी पहले ही पूरा कर चुकी है। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। भाजपा हाईकमान ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 40 दिन का समय बढ़ाया है, और इस समय सीमा के भीतर प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव संपन्न कराना पार्टी की प्राथमिकता बन चुकी है।

भा.ज.पा. के प्रदेश चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने भी इस बात की पुष्टि की है कि शेष 28 जिलों के अध्यक्षों के चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि इस महीने के अंत तक नया प्रदेश अध्यक्ष तय हो जाएगा।

दिल्ली तक दौड़ चुके नेता, समीकरणों की तलाश

सूत्रों के मुताबिक, कुछ नेता प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए दिल्ली तक की दौड़ भी लगा चुके हैं, जबकि कई नेता स्थानीय बड़े नेताओं के जरिए अपने समीकरण बिठाने में जुटे हुए हैं। इस चुनाव में पारिवारिक, क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जिससे चुनाव की प्रक्रिया और जटिल हो सकती है।

प्रदेश मुख्यालय से निगरानी

भा.ज.पा. ने पहली बार जिले-जिले कार्यक्रम के तहत नए अध्यक्षों की घोषणा की, ताकि हर स्तर पर संगठन के फैसलों का विरोध न हो और किसी की नाराजगी न हो। इस पूरी प्रक्रिया में प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल प्रदेश मुख्यालय से लगातार ऑनलाइन मॉनिटरिंग करते रहे। धर्मपाल ने जिलों में सूची जारी करने के दौरान पूरी निगरानी रखी, जिससे संगठन के फैसले से किसी को कोई आपत्ति न हो।

अब, प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होते ही भाजपा में एक नई राजनीतिक हलचल देखने को मिलेगी, और यह निर्णय पार्टी के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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