
लखनऊ। यूपी विधानसभा मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। आज प्रश्नकाल नहीं हुआ। सीधे विधायी कार्य पूर्ण करने के उपरांत विकसित उत्तर प्रदेश दृष्टि पत्र-2047 पर 24 घंटे की विशेष चर्चा शुरू हुई। विजन डॉक्यूमेंट पर पर चर्चा का प्रस्ताव वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में रखा। इसी बीच विपक्षी दल के नेता ने चर्चा की समयावधि बढ़ाने की मांग की।
विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा के लिए प्रस्ताव रखते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 में विकसित भारत की संकल्पना की है। यह तभी संभव है जब यूपी का विकास होगा। इसी क्रम में इस मानसून सत्र के बीच में 2047 के विजन डॉक्यूमेंट पर विशेष चर्चा की जा रही है। वर्ष 2047 तक यूपी गरीबी मुक्त और आत्मनिर्भरता हासिल करने का लक्ष्य है। इसके लिए केंद्र पर निर्भरता कम करनी होगी।
राज्य की आमदनी बढ़ानी होगी। आधी आबादी को आत्मनिर्भर बनाना होगा। वर्क फोर्स में उसकी भागदारी 60 फीसदी तक बढ़ानी होगी। आजादी के बाद यूपी पिछड़ता चला गया। पलायन, तालाबंदी, खराब बुनियादी ढांचा, बदहाल कानून व्यवस्था से प्रदेश पिछड़ता जा रहा था। वर्ष 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री और वर्ष 2017 में योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश की तस्वीर बदली है।
विपक्ष ने चर्चा की अवधि बढ़ाने की मांग की
इससे पहले आज प्रश्नकाल की अवधि में प्रश्नों को लेने के बजाए विधायी कार्य पूरा किया जाने लगा। विधायी कार्य पूर्ण करने के उपरांत विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा शुरू होनी थी। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा अच्छी बात है। इसमें वर्ष 2047 के विजन पर चर्चा करनी है। इसलिए 24 घंटे का समय कम है। इस अवधि को बढ़ाया जाए। तभी विस्तार से चर्चा की जा सकेगी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि अभी 24 घंटेे में चर्चा की जाए।
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