
Hamirpur : जिला जेल में विचाराधीन बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर बंदी की पिटाई कर उसकी हत्या करने का आरोप लगाते हुए जेल गेट पर जमकर हंगामा किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में आक्रोशित लोगों ने कार्रवाई की मांग करते हुए नारेबाजी की। करीब 40 मिनट तक कालपी स्टेट हाइवे जाम रहा। सदर विधायक ने लोगों को शांत कराते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया और जाम खुलवाया।
सोमवार शाम पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया, लेकिन परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया और विरोध स्वरूप वापस घर लौट गए।
मृतक बंदी अनिल तिवारी 33 सूरजपुर गांव का रहने वाला था। अनिल पर एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा चल रहा था। अदालत से वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। परिजनों का आरोप है कि जेल में उसे बेरहमी से पीटा गया, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मृतक की पत्नी पूजा तिवारी का कहना है कि वह अपने पति को जेल में ठीक-ठाक छोड़कर आई थी, लेकिन जेल के अंदर उसे बुरी तरह पीटा गया, जिससे उसकी मौत हुई है। जब परिजनों ने पोस्टमॉर्टम हाउस में शव देखा तो उस पर गंभीर चोटों के निशान थे, जिसके बाद परिजनों ने शव लेने से साफ इनकार कर दिया।
डिप्टी जेलर और जेल वार्डन निलंबित
घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने पोस्टमॉर्टम हाउस में हंगामा किया और शव लेने से इनकार कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन हरकत में आया और प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर डिप्टी जेलर संगेश कुमार और जेल वार्डन अनिल कुमार यादव को निलंबित कर दिया गया। दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जेल प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पुलिस भी अपनी जांच में जुटी हुई है। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मृतक के परिजनों ने न्याय और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
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