
अधिवक्ता ए. एम. इक़्तियार उद्दीन (अधिवक्ता anik), एक प्रतिष्ठित विधिवेत्ता एवं विशेष लोक अभियोजक हैं, जो अधिवक्ता ayantika mondal के साथ PrimeLegal में साझेदार हैं। इन्हें मानवाधिकार तथा लैंगिक न्याय संबंधी वादों में 16 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा, यौनकर्मियों के अधिकारों तथा लैंगिक समानता से संबंधित अनेक लोकहित याचिकाओं में सक्रिय भूमिका निभाई है। उनका कार्य न्याय तक पहुँच को सुदृढ़ करने एवं समाज के संवेदनशील वर्गों के लिए नीतिगत सुधार को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।
प्रश्न 1: भारत में वेश्यावृत्ति क्या है?
भारत में वेश्यावृत्ति का अर्थ है—धन के बदले यौन सेवाओं का आदान-प्रदान। यद्यपि वयस्कों के बीच
सहमति से किया गया यौन संबंध (prostitution) स्वयं में अवैध नहीं है, किन्तु सार्वजनिक रूप से ग्राहकों को आमंत्रित करना (soliciting), कोठा चलाना, दलाली करना या मानव तस्करी करना अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 के अंतर्गत दंडनीय अपराध हैं। यह अधिनियम निजी रूप से वेश्यावृत्ति की अनुमति देता है, परंतु शोषण और सार्वजनिक आह्वान को प्रतिबंधित करता है।
प्रश्न 2: क्या गूगल पर “prostitution near me” सर्च करना अपराध है?
नहीं, वेश्यावृत्ति से संबंधित शब्दों को ऑनलाइन खोजना स्वयं में अपराध नहीं है। तथापि, यदि व्यक्ति ऐसी जानकारी के आधार पर वेश्यावृत्ति का आयोजन या सार्वजनिक आह्वान करता है, तो उसके विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जा सकती है।
प्रश्न 3: क्या वेश्या को किराए पर लेना अपराध है?
यदि वयस्कों के बीच निजी स्थान पर सहमति से यह कार्य किया जाता है, तो यह भारतीय विधि के अंतर्गत अपराध नहीं है। किन्तु यदि यह सार्वजनिक आमंत्रण, नाबालिग की संलिप्तता, या किसी प्रकार के शोषण से संबंधित है, तो यह अवैध एवं दंडनीय है।
प्रश्न 4: भारत में वेश्यावृत्ति या यौनकर्मियों की सुरक्षा से संबंधित न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review) पर प्रकाश डालिए।
भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अनेक निर्णयों में बार-बार यह स्पष्ट किया है कि यौनकर्मी भी भारत के नागरिक हैं तथा उन्हें संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के अंतर्गत समान मौलिक अधिकार प्राप्त हैं। न्यायालयों ने उन्हें उत्पीड़न, अवैध हिरासत एवं सामाजिक कलंक से सुरक्षा प्रदान की है और यह भी स्पष्ट किया है कि केवल वेश्या होना अपराध नहीं है, बशर्ते उसमें तस्करी या शोषण का तत्व न हो। न्यायालय ने सुरक्षित क्षेत्रों की स्थापना एवं यौनकर्मियों तथा उनके बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के निर्माण के निर्देश भी दिए हैं।
प्रश्न 5: भारत में कोठे (Brothel) पर जाना क्या अवैध है, चाहे वह स्थायी हो या अस्थायी, जैसे होटल या किराए का मकान?
भारत में कोठे पर जाना अवैध है, चाहे वह स्थायी रूप से स्थापित स्थान हो या अस्थायी, जैसे होटल का कमरा या किराए का मकान। अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 के अंतर्गत वाणिज्यिक यौन शोषण के उद्देश्य से किसी परिसर को रखना, चलाना या उपयोग करना अपराध है। यद्यपि स्वैच्छिक एवं निजी रूप से की गई वेश्यावृत्ति वैध है, किन्तु कोठा संचालन, ग्राहकों को बुलाने या ऐसे स्थानों पर जाने से संबंधित कार्य दंडनीय अपराध हैं। यह अधिनियम स्थायी और अस्थायी दोनों प्रकार के स्थलों पर समान रूप से लागू होता है।
प्रश्न 6: क्या कोई स्पा या मालिश केन्द्र कोठा माना जा सकता है?
नहीं, यदि कोई स्पा या मालिश केन्द्र केवल स्वास्थ्य, मालिश या उपचार के उद्देश्य से संचालित है, तो उसे कोठा नहीं माना जाएगा। अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 के अनुसार कोठा वह स्थान है, जहाँ वाणिज्यिक लाभ के लिए यौन शोषण या दुर्व्यवहार किया जाता है। यदि कोई स्पा वास्तव में यौन सेवाएँ प्रदान कर रहा है, तो विधिक दृष्टि से उसे कोठा माना जा सकता है और संबंधित दंडात्मक प्रावधान लागू होंगे।















