एआईआईएमएस (एम्स) द्वारा कराई जाने वाली परीक्षा आईएनआई सीईटी के आयोजन को 16 जून के लिए निर्धारित किया गया है। इस ऐलान के बाद से छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। इससे पहले इस परीक्षा को 8 मई को कराया जाने वाला था लेकिन कोविड के बढ़ते प्रकोप के कारण इसे स्थगित किया गया था। लेकिन अब जब नई तारीख का ऐलान हुआ है, तो ये बिलकुल उचित नहीं लगता। चल रही महामारी की स्थिति को देखते हुए, INI CET के उम्मीदवार अब और चिंतित हैं। क्योंकि कुछ डॉक्टर कोविड वार्डों में कोविद-योद्धाओं और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के रूप में सेवा कर रहे हैं। उम्मीदवारों के लिए यह कठिन समय है क्योंकि महामारी के दौरान बिना पूर्व सूचना के परीक्षा देना उनके लिए एक बाधा है।
करियर एक्सपर्ट के संस्थापक गौरव त्यागी ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं खुद इस फैसले से काफी आश्चर्यचकित हुआ। जब नीट पीजी 2021 को अगस्त तक के लिए स्थगित किया जा चुका है और एमबीबीएस के छात्र कोविड ड्यूटी पर हैं, तो इस बीच वो एम्स की परीक्षा कैसे दे पाएंगे। ये छात्रों को धर्मसंकट में डालने वाला फैसला है। हालांकि बच्चों को परेशान नहीं होना चाहिए। मैं उन्हे अपनी शुभकामनाएं देता हूं।”
प्रधानमंत्री कार्यालय ने जब नीट पीजी 2021 को कम से कम चार महीने के लिए स्थगित करने का फैसला सुनाया था, तब छात्र और इन परीक्षाओं से जुड़े लोग यही कयास लगा रहे थे कि एम्स की प्रवेश परीक्षा भी इसी आस पास आयोजित की जाएगी। छात्रों ने इस फैसले पर नाराजगी भी जताई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी नोटिस में ये कहा गया था कि कोविड ड्यूटी के सौ दिन पूरे करने वाले चिकित्सा कर्मियों को आगामी नियमित सरकारी भर्ती कार्यक्रमों में प्राथमिकता दी जाएगी। मेडिकल इंटर्न को उनके संकाय की देखरेख में कोविड प्रबंधन कर्तव्यों में तैनात किया जाएगा, जबकि अंतिम वर्ष के एमबीबीएस छात्रों का उपयोग वरिष्ठ संकाय की देखरेख में हल्के कोविड मामलों की टेली-परामर्श और निगरानी के लिए किया जा सकता है। इसके बाद लगभग सारे छात्र इसी काम में जुट गए थे। और अब इस तरह से अचानक एम्स अपनी प्रवेश परीक्षा लेने जा रहा है। ये छात्रों के लिए बिलकुल उचित फैसला नही है। उन्हें तैयारी का पूरा मौका भी नही मिल पाएगा।
इस फैसले के बाद अब नीट पीजी के आयोजन को लेकर भी स्थित स्पष्ट नहीं दिखती है। छात्रों के बीच एक असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि, नीट पीजी 2021 के आयोजन की तारीख का ऐलान अभी तक नहीं हुआ है। राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के तरफ से अभी किसी तरह का कोई पुष्टिकरण नहीं किया गया है कि ये परीक्षा कब तक आयोजित हो सकती है। छात्रों को बस इतना मालूम है कि परीक्षा को 31 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया है। नीट पीजी 2021 को स्थगित करने के फैसले पर भी छात्रों ने नाराजगी जाहिर की थी। उनका कहना है कि इससे उनके भविष्य के प्लान पर गलत प्रभाव पड़ेगा। कई छात्र तो मानसिक तनाव के चपेट में भी आ रहे हैं। जो परीक्षा अप्रैल महीने में हो जाती थी वो अब चार महीने बाद भी आयोजित होगी या नहीं, कुछ कहा नहीं जा सकता है।
इन सभी घटनाओं के बीच एम्स की प्रवेश परीक्षा का आयोजन करने के फैसले ने छात्रों को धर्म संकट में डाल दिया है। छात्र इस बात से चिंतित हैं कि वो कोविड ड्यूटी के बीच अपनी तैयारी कैसे दुरुस्त करें, जो कि बिल्कुल लाजमी सवाल है। तो इसका जवाब यही है कि छात्र अपने तैयारियों में जुटे रहें।
छात्रों को अपनी मन स्थिति का विशेष रूप से ख्याल रखना होगा। ऐसे समय में दिमाग को शांत रखते हुए छात्रों को एकाग्रचित ढंग से पढ़ाई करनी चाहिए। छात्रों अपने मजबूत पक्ष को और मजबूत बना सकते हैं। इसके अलावा जिन विषयों में वो ख़ुद को कमजोर पाते हैं, उन पर काम कर सकते हैं। मेरा छात्रों के लिए एक ही सलाह है जो कि हमारे प्रधानमंत्री ने भी कहा है, “आपदा को अवसर में बदलें”। इस मुश्किल समय को छात्र खुद को और बेहतर तैयार करने में इस्तेमाल कर सकते हैं। चाहे वो आईएनआई सीईटी के लिए हो या नीट पीजी 2021।
देशभर में NEET को सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक माना जाता है और क्यों ना हो, आखिर यह राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा जो है। इसमें लाखों छात्र भाग लेते हैं। ऐसे में अगर इसके आयोजन पर एक पारदर्शी तरीके से फैसला नहीं लिया जाता है तो छात्र और परेशान होंगे। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण पिछले वर्ष भी परीक्षाओं के आयोजन में लगातार देरी हुई थी। जिसके कारण छात्र पहले ही चिंतित थे। अब परीक्षा टलने से छात्रों की मुश्किलें दोगुनी हो चुकी हैं। परंतु इससे छात्रों को परेशान नही होना चाहिए और इस समय का भरपूर लाभ उठाना चाहिए।
छात्र चाहें तो मेडिकल काउंसलिंग का भी सहारा ले सकते हैं। एनईईटी (नीट)-यूजी और एनईईटी (नीट)-पीजी के मेडिकल काउंसलिंग के लिए कई पेशेवर सलाहकारों द्वारा प्रदान किया जाता है। इन सलाहकारों की सूची में करियर एक्सपर्ट के संस्थापक गौरव त्यागी का नाम आता है। वो छात्रों के साथ अपना अनुभव साझा करते हैं और उन्हें उचित सलाह देते हैं। उनकी संस्था छात्रों को मेडिकल काउंसिलिंग के जरिए सम्पूर्ण रूप से तैयार करती है।
मेडिकल काउंसलिंग यानी चिकित्सा परामर्श वह तरीका है जिसके द्वारा छात्रों को चिकित्सा क्षेत्र की सभी विशिष्टताओं के हर पहलू से अवगत कराया जाता है ताकि वे अपना अंतिम निर्णय अधिक बुद्धिमानी और उत्पादक रूप से ले सकें। कई बार ऐसा होता है कि प्रवेश परीक्षा में अच्छे अंक मिलने के बाद भी छात्र को अच्छे कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाता। छात्रों को एक ऐसी शख्सियत की जरूरत होती है जो उसका सही मार्गदर्शन कर पाए या कहें कि अच्छी काउन्सलिंग कर सके।
इससे छात्रों के बीच जो असमंजस और शंकाएं हैं वो दूर होंगी। वो अपने भविष्य के बारे में ज्यादा खुले दिमाग से सोच पाएंगे और अपने हित में सबसे उचित फैसला ले पाएंगे।