
भोपाल : मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रदेश में हाल ही में हुई जातिवादी और धार्मिक उन्माद से जुड़ी घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि दमोह में हुई जातिवादी घटना, ग्वालियर में अनिल मिश्रा के विवादित बयान और भोपाल की सड़कों पर लगे पोस्टर समाज में नफरत और विभाजन को बढ़ावा दे रहे हैं और इन घटनाओं ने उन्हें भीतर तक विचलित किया है।
समानता और भाईचारे पर खतरा
सिंघार ने बताया कि ऐसी घटनाएं समाज में समानता और भाईचारे को कमजोर करती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह देश बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों और संविधान के आधार पर चलेगा, न कि भाजपा और आरएसएस की तथाकथित “व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी” के आधार पर। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी देश के संविधान की रक्षा के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं।
मुख्यमंत्री से अपील
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से अपील की कि इन घटनाओं पर तुरंत रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश हमेशा से शांति और सौहार्द की भूमि रहा है, और यहां जातिवाद, धार्मिक असमानता या किसी तरह के उन्माद के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। सरकार से उन्होंने समाज में एकता और समानता को बढ़ावा देने के ठोस कदम उठाने की मांग की।
निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग
सिंघार ने कहा कि दमोह की घटना और अन्य विवादित बयान न केवल समाज में तनाव और अविश्वास बढ़ा रहे हैं, बल्कि प्रदेश की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और कार्रवाई करने की मांग की।
कांग्रेस का रुख
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हर उस व्यक्ति के साथ खड़ी है जो संविधान और समानता के सिद्धांतों में विश्वास रखता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे उन ताकतों के खिलाफ एकजुट हों जो समाज में नफरत फैलाने का काम कर रही हैं।
सिंघार ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि ऐसी घटनाओं पर जल्दी काबू नहीं पाया गया, तो यह प्रदेश के सामाजिक ताने-बाने को और कमजोर कर सकता है।