
पुतिन की सेहत को लेकर कई बार अटकलें उठ चुकी हैं, खासकर पिछले कुछ सालों में। सार्वजनिक बैठकों में उन्हें अक्सर कुर्सी पकड़े हुए देखा गया है, और कभी-कभी उनके हाथ-पैरों में अनियंत्रित हरकतें और शरीर में कंपन भी नजर आई हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, पुतिन को कैंसर और पार्किंसन जैसी गंभीर बीमारियों का सामना हो सकता है। साल 2022 में एक मीटिंग के दौरान उनका झुका हुआ बैठना, टेबल पकड़ना और लड़खड़ाती आवाज भी उनके स्वास्थ्य की समस्याओं का संकेत देती हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात के बाद एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि पुतिन “जल्द मरने वाले हैं” और इस घटना के बाद “सब कुछ खत्म हो जाएगा”। जेलेंस्की का यह बयान केवल स्वास्थ्य संबंधी नहीं था, बल्कि इसे एक राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक हमला भी माना जा रहा है। यह बयान पुतिन पर दबाव बनाने और रूस की सत्ता में अंदरूनी हलचल लाने की एक रणनीति हो सकती है।
साथ ही, फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने रूस के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए यूक्रेन के लिए 2.2 बिलियन डॉलर (लगभग 2 अरब यूरो) की सैन्य सहायता की घोषणा की। उन्होंने रूस से बिना शर्त 30 दिनों के युद्धविराम की मांग भी की है।
अब सवाल यह है कि क्या पुतिन का अंत वास्तव में नज़दीक है? जबकि पुतिन की सेहत और मौत के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, जेलेंस्की का बयान यह संकेत देता है कि यूक्रेन अब रूस को कमजोर मानता है, चाहे वह सैन्य दृष्टिकोण से हो या नेतृत्व की स्थिति से। यह बयान यूक्रेन की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसका उद्देश्य रूस पर मानसिक और राजनीतिक दबाव बढ़ाना है। अब यह देखना होगा कि इस बयान का आगे क्या असर पड़ता है और रूस की ओर से कोई प्रतिक्रिया आती है या नहीं।