
Russia Ukrain Agreement : रूस-यूक्रेन युद्ध में 30 दिनों के संघर्ष विराम पर अमेरिकी प्रस्ताव के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने सहमति जताई है। उन्होंने कहा है कि यह युद्ध विराम पूर्ण और वास्तविक होना चाहिए, जिसमें कोई हमला न हो। ज़ेलेंस्की ने यह भी कहा कि यह 30 दिन का संघर्ष विराम शांति की दिशा में पहला कदम बन सकता है, जिसमें अमेरिका की भूमिका महत्वपूर्ण है।
यह तीन साल से अधिक समय से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के समाप्त होने के संकेत हैं। लंबे समय से जारी तनाव और नोक-झोंक के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका की ओर से प्रस्तावित 30 दिनों के बिना शर्त संघर्ष विराम पर सहमति दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को रूस और यूक्रेन के बीच 30 दिन का बिना शर्त युद्ध विराम का आह्वान किया था और चेतावनी दी थी कि यदि युद्ध विराम का सम्मान नहीं किया गया तो वाशिंगटन और उसके सहयोगी और अधिक प्रतिबंध लगाएंगे।
इसके तुरंत बाद, जेलेंस्की ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “यूक्रेन अभी से, इसी समय से पूर्ण युद्ध विराम के लिए तैयार है – 30 दिन का मौन। लेकिन यह असल होना चाहिए, कोई मिसाइल या ड्रोन हमला नहीं, मोर्चे पर सैकड़ों हमले नहीं। रूसियों को युद्ध विराम का समर्थन करके उचित जवाब देना चाहिए। उन्हें युद्ध खत्म करने की अपनी इच्छा साबित करनी चाहिए।”
ज़ेलेंस्की ने आगे कहा, “ऐसे सीजफायर की पेशकश पहली बार नहीं हो रही है, ये तीस दिन शांति के वर्षों की शुरुआत बन सकते हैं। एक स्थायी और विश्वसनीय युद्ध विराम शांति की ओर बढ़ने का एक वास्तविक कदम होगा। अमेरिका इसमें मदद कर सकता है। दुनिया को आज भी अमेरिका की जरूरत है, ठीक वैसे ही जैसे 80 साल पहले थी।”
यह युद्ध विराम का प्रस्ताव ऐसे समय पर आया है जब दूसरे विश्व युद्ध को 80 साल पूरे हो चुके हैं। जेलेंस्की ने अपने बयान में कहा कि 80 साल पहले, जब नाजी ताकतों से लड़ने के लिए दुनिया को अमेरिका की आवश्यकता थी, बिल्कुल उसी तरह आज भी अमेरिका की दुनिया को जरूरत है। उन्होंने इस मौके पर यह भी संकेत दिया कि यदि यह संघर्ष विराम सफल रहता है, तो यह लंबे समय से चली आ रही जंग के अंत का संकेत बन सकता है और शांति की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
इस प्रस्ताव पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विचार-विमर्श जारी है और उम्मीद की जा रही है कि इससे युद्ध के अंत की दिशा में सकारात्मक संकेत मिल सकते हैं। अमेरिका और अन्य समर्थक देशों ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे युद्ध समाप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना है। हालांकि, दोनों पक्षों की ओर से अभी तक इस संघर्ष विराम का पालन करने या न करने का स्पष्ट संकेत नहीं मिला है।
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