
उज्जैन : मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड को जबलपुर हाई कोर्ट से एक ऐतिहासिक और बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने वक्फ बोर्ड की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया कि जिन वक्फ संपत्तियों पर भूमाफियाओं ने अवैध कब्जा किया है, उन्हें यह जमीनें छोड़नी होंगी।
इस फैसले के बाद वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्तियों की सुरक्षा और आय सृजन को लेकर नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। अब इन जमीनों को जरूरतमंद किसानों को लीज पर देकर निश्चित किराया वसूला जाएगा, जिससे न सिर्फ आय बढ़ेगी, बल्कि जरूरतमंदों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी।
किसानों को मिलेगा वक्फ की ज़मीन पर खेती का मौका
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनवर पटेल के अनुसार, “अब तक भूमाफिया कृषि लीज के नाम पर जमीन पर कब्जा कर लेते थे, लेकिन अब इसे पारदर्शी तरीके से किसानों को लीज पर दिया जाएगा।” यह देश में पहली बार हो रहा है जब वक्फ की जमीन पर किसान खेती करेंगे और इससे होने वाली आय का उपयोग गरीबों के कल्याण में किया जाएगा।
भूमाफिया के खिलाफ कोर्ट में चली थी लड़ाई
वक्फ बोर्ड ने भूमाफियाओं के कब्जे को हटवाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दो प्रमुख आपत्तियाँ थीं:
- वक्फ बोर्ड की ओर से आदेश पर हस्ताक्षर करने वाली सीईओ डॉ. फरज़ाना ग़जाल पूर्णकालिक अधिकारी नहीं हैं, जो वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 23 के तहत आवश्यक है।
- 1994 के परिपत्र के अनुसार वक्फ संपत्ति की नीलामी केवल मुतवल्ली द्वारा की जा सकती है, बोर्ड द्वारा नहीं।
हालांकि, हाई कोर्ट ने इन दलीलों को तवज्जो नहीं दी और वक्फ बोर्ड के पक्ष में फैसला सुनाया।
आगे की रणनीति: पारदर्शिता और स्थिर आय की योजना
फैसले के बाद वक्फ बोर्ड अब आगे की योजना पर काम कर रहा है जिसमें
- पट्टा नीति के तहत लीज पर भूमि देना
- भूमाफिया मुक्त संपत्ति बनाए रखना
- स्थायी आय सृजन करना
- गरीबों और जरूरतमंदों के लिए योजनाएं विकसित करना
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