
शिमला : शिमला के ठियोग पुलिस थाना के तहत एक नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारियों द्वारा कुछ युवकों के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में पुलिस ने पीड़ित युवक के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रोहड़ू उपमंडल के लोअर कोटी गांव के निवासी सिकंदर (25) पुत्र प्रदीप ठाकुर ने पुलिस में दर्ज शिकायत में बताया कि उसे नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए उसके परिवार ने उसे एक मार्च को मत्याना स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करवाया था।
शिकायतकर्ता के अनुसार तीन मार्च को उसने और उसके कुछ साथियों ने केंद्र के कर्मचारियों को चकमा देकर वहां से भागने की योजना बनाई और भाग निकले। लेकिन जब वे कल्जर गांव के जंगल में पहुंचे तो नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारियों ने उन्हें पकड़ लिया।
आरोप है कि पकड़ने के बाद केंद्र के कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी, जिससे उनके सिर, हाथ, पैर और मुंह पर गंभीर चोटें आईं। पीड़ितों का आरोप है कि जब नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी उन्हें वापस ले जा रहे थे तब उन्होंने धमकी दी कि यदि वे दोबारा भागने की कोशिश करेंगे तो उनकी हत्या कर दी जाएगी।
घटना के बाद पीड़ित युवक ने अपने परिजनों को मामले की पूरी जानकारी दी। जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने सिकंदर के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। इस संबंध में पुलिस थाना ठियोग में भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2) और 351(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि मामले की जांच जारी है और नशा मुक्ति केंद्र के संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने यह भी कहा कि पीड़ितों का मेडिकल परीक्षण करवाया गया है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।