
कानपुर । देश में बढ़ते कोरोना वायरस का प्रकोप थमने नहीं दिख रहा है। यहां उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में भी बुधवार को दो संदिग्धों के मिलने से हड़कंप मच गया। संदिग्धों को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखते हुए उपचार शुरू कर दिया। दोनों ही संदिग्धों के सैंपल लेकर जांच को भेजे गए हैं।
प्रदेश में आगरा, नोएडा, लखनऊ के बाद आज बुधवार को जानलेवा कोरोना वायरस की आशंका के चलते बर्रा व किदवई नगर इलाकों में रहने वाले दो संदिग्ध युवक जिला अस्पताल उर्सला पहुचे। युवकों में शुरुआती जांच में संक्रमण के लक्षण मिलने से स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गई। आनन-फानन दोनों को यहां बने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करते हुए डॉक्टरों की टीम ने इलाज शुरू किया। कोरोना के संदिग्ध युवकों के अस्पताल में आने की जानकारी पर सीएमओ डॉ अशोक शुक्ला, सीएमएस व अधीक्षक डॉ शैलेन्द्र मौके पर पहुचे और दोनों ही युवकों के सैम्पल लेकर जांच को भेजे गए।
इधर मामले की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी डॉ ब्रह्म देव राम तिवारी भी जिला अस्पताल पहुच गए और संदिग्ध युवकों के बारे में पूछताछ की। डॉक्टरों ने जांच में निगेटिव रिपोर्ट आने की बात जिलाधिकारी को दी, जिसके बाद प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की बेचैनी कम हुई।
सीएमओ ने बताया कि दो युवकों को कोरोना वायरस की शंका पर भर्ती किया गया है। उनकी रिपोर्ट में पुष्टि नहीं हुई है। दोनों ही युवक हाल ही में विदेश से लौटे हैं। फिलहाल दोनों को 14 दिनों के लिए आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
वार्ड के बाहर निगरानी में लगाए गए तीन होमगार्ड
आइसोलेशन वार्ड में 14 दिन की निगरानी में भर्ती किए गए दोनों संदिग्ध युवकों का इलाज जारी है। उनकी निगरानी के लिए वार्ड के बाहर पुलिस प्रशासन ने वार्ड में दो होमगार्ड सर्वेश कुमार, योगेंद्र सिंह और हॉस्पिटल के होमगार्ड बादाम सिंह को लगाया गया है।
गन्दगी देख भड़के जिलाधिकारी
उर्सला में कोरोना वायरस के संदिग्ध के मिलने की सूचना पर जिलाधिकारी डॉ ब्रह्म देव राम तिवारी पहुचे। उन्होंने मरीजों का जायजा लिया और आईसोलेशन वार्ड की स्थिति के बारे में जानकारी की। जिलाधिकारी ने प्रकोप से निपटने के बारे में सीएमओ से पर्याप्त बंदोबस्त रखने की बात कही। इसके बाद उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान परिसर में गन्दगी देख जिलाधिकारी भड़क गए और डायरेक्टर को कड़ी फटकार लगाई। कहा कि, इस तरह की लापरवाही आगे न मिले। अस्पताल की स्वच्छता के प्रति संवेदनशील रहे। यह प्रकोप गन्दगी में तेजी से फैलता है। इस तरह से लापरवाही आगे मिली तो ठीक नहीं होगा।












