
मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज और दिलचस्प घटना सामने आई है, जहां दो मुस्लिम लड़कियों, स्वालेहीन और नूर फातमा, ने हिंदू युवकों, अनुज और गौरव, के साथ आर्य समाज मंदिर में विवाह रचाया। यह शादी 18 जुलाई 2025 को हुई, जिसमें दोनों जोड़ों ने एक साथ सात फेरे लिए और हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की। इस विवाह के बाद स्वालेहीन का नाम शालिनी और नूर फातमा का नाम नीलम रखा गया।
स्वालेहीन ने घरवालों से बताया खतरा, चुना अनुज के साथ जीवन
स्वालेहीन ने अपनी शादी से पहले परिवार वालों से जान का खतरा होने की बात कही थी। इसके बावजूद, उसने अपने प्रेमी अनुज के साथ आर्य समाज मंदिर में शादी करने का फैसला किया। शादी के दौरान अनुज ने स्वालेहीन की मांग में सिंदूर भरा, जिसके बाद स्वालेहीन ने स्पष्ट किया कि वह अनुज (जिसे कुछ खबरों में अमित के नाम से भी उल्लेख किया गया) के साथ ही रहना चाहती है। इस जोड़े ने अपनी मर्जी से यह कदम उठाया और हिंदू रीति-रिवाजों के साथ विवाह संपन्न किया।
नूर फातमा ने गौरव संग रचाई शादी, बनी नीलम
इसी तरह, भोजपुर की रहने वाली नूर फातमा ने भी गौरव नामक हिंदू युवक के साथ आर्य समाज मंदिर में शादी की। शादी के बाद नूर फातमा ने अपना नाम बदलकर नीलम रख लिया। दोनों जोड़ों ने एक ही मंडप में सात फेरे लिए और हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह के बंधन में बंधे। इस विवाह ने स्थानीय स्तर पर खासी चर्चा बटोरी है।
विवाह से पहले धर्म परिवर्तन, सामाजिक तनाव की आशंका
खबरों के अनुसार, दोनों लड़कियों ने शादी से पहले हिंदू धर्म अपनाया, जिसके बाद उनका नामकरण हुआ। स्वालेहीन शालिनी बनीं और नूर फातमा नीलम। इस तरह के अंतर-धार्मिक विवाह अक्सर सामाजिक और राजनीतिक चर्चा का विषय बनते हैं, खासकर मुरादाबाद जैसे जिले में, जहां हिंदू और मुस्लिम आबादी लगभग बराबर है। इससे पहले भी मुरादाबाद में अंतर-धार्मिक विवाहों को लेकर तनाव की स्थिति देखी गई है, जैसे कि डिलारी थाना क्षेत्र में एक हिंदू युवती और मुस्लिम युवक के विवाह का मामला, जिसने बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं का ध्यान खींचा था।[
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
स्वालेहीन ने अपने परिवार से खतरे की बात कही थी, जिसके चलते इस मामले में पुलिस और प्रशासन की नजर बनी हुई है। हालांकि, अभी तक इस शादी को लेकर कोई बड़े विवाद की खबर सामने नहीं आई है, लेकिन स्थानीय पुलिस इस मामले पर नजर रखे हुए है ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे।
सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
यह घटना मुरादाबाद जैसे संवेदनशील क्षेत्र में सामाजिक और सांस्कृतिक चर्चा को जन्म दे सकती है। मुरादाबाद, जिसे पीतल नगरी के नाम से भी जाना जाता है, अपनी विविध आबादी के कारण हमेशा से सामाजिक समीकरणों का केंद्र रहा है। इस तरह के विवाह, खासकर जब धर्म परिवर्तन का मुद्दा जुड़ा हो, अक्सर स्थानीय और राजनीतिक हलकों में बहस का कारण बनते हैं