हवा में टूटा विश्वास : रूपाणी से पहले भी कई नेता हुए विमान हादसों का शिकार, कुछ नेता किस्मत वाले रहे जो…

– कुछ नेता किस्मत वाले रहे जो बच गए, इसमें पीएम मोदी हैं शामिल

नई दिल्ली । गुरुवार को अहमदाबाद से उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी मौत हुई है। हादसे में विमान का एक यात्री छोड़कर कोई नहीं बचा है। उनका नाम भारत में हवाई दुर्घटना में जान गंवाने वाले हाइप्रोफाइल नेताओं की दुखद सूची में शामिल हो गया है।

रूपाणी से पहले जिन भारतीय राजनेताओं की हवाई हादसे में मौत हुई है, उसमें गुजरात के एक और पूर्व मुख्यमंत्री बलवंतराय मेहता का नाम शामिल है। उनकी 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान एक हवाई दुर्घटना में मौत हुई थी। उनके विमान को पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने गलती से मार गिराया था। जबकि, देश की आजादी से पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भी विमान हादसे में निधन के दावे किए जाते है। यह घटना 1945 की है, बताया जाता हैं ताइवान के ताइपेई में उनका विमान भी टेकऑफ के बाद ही क्रैश हो गया था।

इसके अलावा विमान हादसे में मरने वालों में पूर्व कांग्रेस नेता संजय गांधी का नाम भी शामिल है। उनकी 1980 में दिल्ली में एक छोटा विमान उड़ाते समय मौत हो गई थी। उससे पहले, 1973 में, केंद्रीय मंत्री मोहन कुमारमंगलम की इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 440 दिल्ली के पास दुर्घटनाग्रस्त होने से मौत हो गई थी। उनकी पहचान सिर्फ उनके पार्कर पेन और हियरिंग एड से हुई थी।

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की भी 2009 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हुई थी। वहीं 2001 में, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की एक चार्टर्ड विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी। 2002 में, लोकसभा के तत्कालीन स्पीकर जीएमसी बालयोगी की भी एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हुई थी। इनके अलावा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू, हरियाणा के पूर्व बिजली मंत्री ओपी जिंदल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल के बेटे सुरेंद्र सिंह की भी 2005 में सहारनपुर के पास एक दुर्घटना में मौत हो गई थी।
हालांकि, कुछ नेता किस्मत वाले भी रहे, जो कि हवाई दुर्घटनाओं में बाल-बाल बच गए। 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई तब बाल-बाल बच गए जब उनका हेलीकॉप्टर पूर्वोत्तर में इमरजेंसी लैंडिंग करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। 2001 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विमान की भूकंप राहत कार्यों के दौरे के समय भुज में इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी और वे बाल-बाल बचे थे।

पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के साथ भी कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। 2003 में, हैदराबाद से विजयवाड़ा जा रही एयर डेक्कन की एक विमान को टैक्सी करते समय उसमें आग लग गई थी। उस विमान में नायडू और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी भी सवार थे। आग को तत्काल बुझा दिया गया और सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। 2005 में, नायडू का हेलीकॉप्टर तकनीकी खराबी के कारण बिहार के गया में इमरजेंसी लैंडिंग करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। नायडू और पायलट दोनों सुरक्षित बच गए। कुछ मिनट बाद, नक्सलियों ने पेट्रोल बम से हमला करके विमान को नष्ट कर दिया।

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