Seema Pal
Share Market Today : आज का बाउंसबैक भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है। भारतीय शेयर बाजार में जो तेजी आई है, उसका मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मेक्सिको और कनाडा पर लगाए गए टैरिफ को अस्थायी रूप से स्थगित करने का फैसला है। इस फैसले ने वैश्विक व्यापारिक तनावों में कुछ राहत दी है, जिससे भारतीय शेयर बाजार समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में तेजी आई है।
बता दें कि ट्रंप के टैरिफ फैसले के कारण वैश्विक व्यापार तनाव में कमी आई है। जिससे और भारतीय निवेशकों को उम्मीद है कि आगामी बजट और आरबीआई की नीतियाँ बाजार को और भी मजबूती देंगी। आईए अब जानते हैं कि ट्रंप के टैरिफ फैसले पर किन देशों पर प्रभाव पड़ेगा…
ट्रंप के टैरिफ फैसले से बदला व्यापार
पहले ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन पर भारी टैरिफ लगाने का एलान किया था। इससे वैश्विक व्यापार युद्ध (trade war) की आशंका बढ़ गई थी, जो दुनिया भर के शेयर बाजारों को प्रभावित कर रही थी। खासकर जापान, दक्षिण कोरिया और भारत जैसे देशों के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई थी। लेकिन, अब ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा पर टैरिफ लगाने की योजना को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है, जिससे व्यापार युद्ध की आशंका में कमी आई है। इससे बाजार में विश्वास लौटा है और शेयर बाजारों में रिबाउंड (rebound) देखने को मिला है। इस फैसले ने निवेशकों को राहत दी है, क्योंकि व्यापारिक तनावों के कम होने से दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियाँ बेहतर हो सकती हैं।
भारतीय शेयर बाजार में तेजी
इस खबर के बाद, भारतीय शेयर बाजार में भी जबरदस्त तेजी आई है। निफ्टी 50 इंडेक्स और बीएसई सेंसेक्स दोनों प्रमुख सूचकांकों में तेजी देखी जा रही है।
- निफ्टी 50: यह 148.85 अंकों (0.64%) की बढ़त के साथ 23,509.90 पर खुला।
- बीएसई सेंसेक्स: यह 500.86 अंकों (0.65%) की मजबूती के साथ 77,687.60 पर पहुंच गया।
इन दोनों सूचकांकों में सुबह तक करीब 1% का उछाल देखा गया। इसका मतलब है कि निवेशक इस बदलाव को सकारात्मक रूप से देख रहे हैं, और बाजार में निवेश की गतिविधियाँ बढ़ी हैं।
भारत का यूनियन बजट और आरबीआई की नीतियाँ
भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला बड़ा फोकस यूनियन बजट और आरबीआई की नीतियाँ हैं। पहले व्यापारिक तनावों की वजह से निवेशक बजट और सरकार की योजनाओं को लेकर सतर्क थे। हालांकि, अब जब व्यापारिक तनाव कम हुआ है, तो निवेशकों का ध्यान बजट और केंद्रीय बैंक की नीतियों पर बढ़ गया है।
- यूनियन बजट: 2025 के बजट में सरकार द्वारा वित्तीय प्रोत्साहन, इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश, और कृषि व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए राहत देने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे बाजार में सकारात्मक उम्मीदें बनी हैं।
- आरबीआई (भारतीय रिज़र्व बैंक): निवेशकों को उम्मीद है कि आरबीआई अपनी मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक में ब्याज दरों में कटौती का एलान कर सकता है। अगर ब्याज दरों में कमी होती है, तो यह ऋण को सस्ता बनाएगा, जिससे उपभोक्ता खर्च और निवेश में वृद्धि हो सकती है। इससे कंपनियों के लाभ में सुधार हो सकता है और अंततः शेयर बाजार को बढ़ावा मिलेगा।
आरबीआई का ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला 7 फरवरी को आ सकता है, और इसके बाद बाजार में तेजी की उम्मीद है, खासकर जब निवेशक यह देखेंगे कि नीतिगत फैसले कैसे हैं और इसका असर किस प्रकार से अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
बाजार के लिए भविष्यवाणियाँ और चेतावनियाँ
अगर ट्रंप के फैसले और भारतीय सरकार की नीतियों में स्थिरता बनी रहती है, तो आने वाले दिनों में भारतीय शेयर बाजार में और तेजी की उम्मीद है। हालांकि, बाजार की स्थिति हमेशा अनिश्चित रहती है, और निवेशकों को सतर्क रहना होगा। वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरताएँ, जैसे कि टैरिफ युद्ध, तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, या अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बदलाव, शेयर बाजार पर प्रभाव डाल सकते हैं।